अर्थव्यवस्था

Contract Workers: भारत के कारखानों में पांच में से दो श्रमिक संविदा पर, ASI data से हुए खुलासे

वित्त वर्ष 22 में देश की 2,49,987 फैक्ट्रियों में कुल 1.36 करोड़ श्रमिक कार्यरत थे। इनमें से 54 लाख (40.2 प्रतिशत) संविदा कर्मी थे।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- February 13, 2024 | 9:58 PM IST

औद्योगिक संस्थानों में कार्यरत पांच श्रमिकों में से दो श्रमिक संविदा पर हैं। यह देश के श्रम बल में संविदा कर्मियों के बढ़ने का रुझान है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत उद्योगों के सालाना सर्वेक्षण (एएसआई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक नियोक्ता के नियमित कर्मचारियों को वेतन दिए जाने की हिस्सेदारी में निरंतर गिरावट आई है।

एएसआई के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 22 में देश की 2,49,987 फैक्ट्रियों में कुल 1.36 करोड़ श्रमिक कार्यरत थे। इनमें से 54 लाख (40.2 प्रतिशत) संविदा कर्मी थे। फैक्टरियों में संविदा कर्मियों की संख्या अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।

वित्त वर्ष 22 से एक साल पहले संविदा कर्मियों की हिस्सेदारी 39.4 प्रतिशत पर थी। कोविड से पहले के वित्त वर्ष 20 में संविदा श्रमिकों की हिस्सेदारी 38.4 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 20 में ठेकेदारों ने कुल 130.5 श्रमिकों नियुक्त किया था और इनमें संविदा पर कार्यरत श्रमिकों की हिस्सेदारी केवल 50.2 लाख थी।

औद्योगिक प्रतिष्ठानों में संविदा पर श्रमिक अनुबंध समझौतों के जरिये खास अवधि या खास कार्य के लिए रखे जाते हैं। ये श्रमिक नियमित कमर्चारियों से अलग होते हैं। नियमित कर्मचारी स्थायी या लंबी अवधि से कार्यरत होते हैं और उन्हें सामाजिक सुरक्षा के फायदे भी प्राप्त होते हैं।

आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 22 में प्रत्यक्ष तौर पर नियुक्त की गई महिला कर्मचारियों की हिस्सेदारी में मामूली इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 22 में प्रत्यक्ष तौर पर नियुक्त महिलाओं की हिस्सेदारी 18.42 प्रतिशत थी जबकि इसके बीते वर्ष यह हिस्सेदारी 18.1 प्रतिशत थी। इसके विपरीत वेतनभोगी कर्मचारियों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 22 में गिरकर 10.87 प्रतिशत हो गई जबकि यह वित्त वर्ष 20 में 11.07 प्रतिशत थी।

वित्त वर्ष 22 में कुल मजदूरी व वेतन के लिए 6.29 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था और इसमें केवल 0.68 लाख करोड़ रुपये का भुगतान नियोक्ताओं द्वारा किया गया था। आंकड़ों ने यह खुलासा भी किया कि वित्त वर्ष 22 में संविदा श्रमिकों के राष्ट्रीय औसत से ज्यादा औसत 21 में से 10 प्रमुख राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में था। हालांकि इसमें गोवा और पूर्वोत्तर के राज्यों को शामिल नहीं किया गया था।

संविदा कर्मियों की हिस्सेदारी प्रमुख तौर पर बिहार में सर्वाधिक (68.6 प्रतिशत) थी। इसके बाद तेलंगाना (64.9 प्रतिशत), ओडीशा (58.4 प्रतिशत), झारखंड (54.5 प्रतिशत) और उत्तराखंड (54 प्रतिशत) थे। सबसे कम संविदा कर्मियों की हिस्सेदारी केरल (21.4 प्रतिशत) में थी। इसके बाद कम संविदा कर्मियों की हिस्सेदारी वाले राज्य तमिलनाडु (23.1 प्रतिशत), पंजाब (30.5 प्रतिशत), कर्नाटक (31.8 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (34.5 प्रतिशत) थे। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में संविदा कर्मियों की हिस्सेदारी 13.4 प्रतिशत थी।

First Published : February 13, 2024 | 9:58 PM IST