अर्थव्यवस्था

भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच धीमी एफटीए वार्ता पर चिंता

भारत और यूके ने नौ वर्षों से बाधित पड़ी एफटीए की वार्ता जून 2022 में शुरू की थी। इस वार्ता के 9 दौर पूरे हो चुके हैं और अगला दौर अगले साल की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है।

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यश कुमार सिंघल   
श्रेया नंदी   
Last Updated- October 11, 2024 | 10:23 PM IST

India-EU FTA: भारत और यूरोपियन यूनियन (EU) के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते की अनुमान से धीमी प्रगति को स्वीकार किया। उन्होंने बातचीत आगे बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग और समझ के तरीकों का शुक्रवार को आह्वान किया।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि व्यापार या कारोबार में प्रासंगिक नहीं ‘बाहरी तत्त्व’ व्यापार व कारोबार दोनों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की बातचीत की प्रक्रिया धीमी हो गई है।

मंत्री ने भारत में यूरोपीय कारोबार संघ (FEBI) की शुरुआत के मौके पर कहा, ‘यूरोपीय संघ को यह फैसला करना होगा कि क्या वे कारोबार बढ़ाने, दोनों पक्षों के बीच व्यापार का विस्तार करना चाह रहे हैं या वे अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मुद्दों को देख रहे हैं। हम हमारे कारोबार व व्यापार पर एफटीए से जुड़े द्विपक्षीय जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’

एफईबीआई की शुरुआत के मौके पर उपस्थित भारत में ईयू के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने कि दोनों पक्षों की तरफ से एफटीए समझौते पर प्रगति ‘मार्जिनल’ है। दोनों पक्षों को बुनियादी अंतरों से आगे बढ़ना है। डेल्फिन ने कहा कि इस व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्षों को नए सिरे से प्रयास करना होगा। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह कारोबारी समझौता सार्थक रहे।

भारत और यूके ने नौ वर्षों से बाधित पड़ी एफटीए की वार्ता जून 2022 में शुरू की थी। इस वार्ता के नौ दौर पूरे हो चुके हैं और अगला दौर अगले साल की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है। डेल्फिन और गोयल दोनों ने क्रमश भारत और यूरोप में कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए नियामकीय बाधाओं और रुकावटों को दूर करने का आह्वान किया।

First Published : October 11, 2024 | 10:20 PM IST