वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अगले सप्ताह की शुरुआत में फिर अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं। इस मामले के जानकार व्यक्ति ने मंगलवार को बताया कि गोयल संशोधित उत्पाद सूची के साथ जा सकते हैं जिन पर भारत शुल्क घटाने के लिए तैयार है।
गोयल के इस दौर का उद्देश्य भारत को अमेरिका के जवाबी शुल्क से बचाना है। डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की योजना 2 अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने की है। अमेरिका की इस कार्रवाई का लक्ष्य अन्य देशों के शुल्कों, करों और गैर शुल्क बाधाओं के बराबर शुल्क लगाना है।
गोयल ने बीते सप्ताह शनिवार को भारत आने से पहले ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि भारतीय पक्ष की शुल्क घटाने के शुरुआती पहल को अपर्याप्त माना गया है और इसलिए संशोधित प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि गोयल अमेरिका जाने से पहले गुरुवार को निर्यातकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से गुरुवार को मुलाकात करेंगे। वे उनसे संभावित शुल्क कटौती के प्रभाव पर चर्चा करेंगे और उनकी सहजता के स्तर का आकलन करेंगे।
यह एक महीने से भी कम समय में भारतीय पक्ष का दूसरा दौरा होगा। यह दौरा अमेरिका के जवाबी शुल्क लगाए जाने पर भारत की तात्कालिक चिंताओं को उजागर करता है। सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि भारत और अमेरिका की योजना परस्पर लाभ वाले द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को अगले सात-आठ महीनों में अंतिम रूप देना है। अमेरिकी पक्ष भारत में निर्यात किए जाने वाले उसके तकरीबन सभी उत्पादों पर शून्य शुल्क चाहता है। अभी तक श्रम सघन निर्यात क्षेत्रों जैसे वस्त्र, चमड़े आदि पर शुल्क में कटौती किए जाने को लेकर कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सूत्र ने बताया, ‘श्रम सघन क्षेत्र किसी भी शुल्क को लेकर चिंतित नहीं हैं व वे अमेरिका से अतिरिक्त आयात को लेकर खतरा महसूस नहीं करते हैं। यह चिंता कृषि, वाहन, दूरसंचार आदि क्षेत्रों को लेकर ज्यादा है।’सरकारी विभाग आगामी विचार-विमर्श के लिए जमीनी काम और अमेरिका के लिए लागू औसत शुल्क को कम करने का रास्ता निकालने के लिए एकजुट होकर तैयारी कर रहे हैं। ट्रंप कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि भारत उच्च शुल्क लगाने वाला देश है।
भारत पर शुल्क घटाने को लेकर उनका अत्यधिक दबाव है। भारत पर विशेष तौर पर कारों और राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों जैसे कृषि पर शुल्क घटाने को लेकर दबाव है। नोमूरा की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका से भारत को निर्यात पर औसत प्रभावी शुल्क 9.5 फीसदी है जबकि भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले उत्पादों पर औसत प्रभावी शुल्क 3 फीसदी है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने संसद को सूचित किया है कि अभी तक अमेरिका ने भारत पर जवाबी शुल्क नहीं लगाया है। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जतिन प्रसाद ने लोक सभा को बताया कि कि भारत और अमेरिका की योजना परस्पर लाभ वाले बहुक्षेत्रीय बीटीए पर बातचीत को आगे बढ़ाना है।
प्रसाद ने बताया, ‘अमेरिका ने 13 फरवरी, 2025 को पारस्परिक व्यापार और शुल्क पर परिपत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका के वाणिज्य मंत्री और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि को व्यापारिक साझेदारों द्वारा अपनाए गए किसी भी गैर-पारस्परिक व्यापार समझौते से अमेरिका को होने वाले नुकसान की जांच करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करनी है और प्रत्येक व्यापारिक साझेदार के लिए विस्तृत प्रस्तावित उपायों के साथ एक रिपोर्ट प्रदान करनी है। इसके आधार पर अमेरिका अपने व्यापारिक साझेदार के साथ अमेरिकी कानून के तहत कार्रवाई कर सकता है।’