पहली अप्रैल से 17 दिसंबर तक कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर सहित कुल अग्रिम कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 12.82 फीसदी बढ़कर 5.21 लाख करोड़ रुपये रहा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को इसके आंकड़े जारी किए। इस दौरान कुल अग्रिम कर संग्रह में कॉरपोरेट कर हिस्सेदारी 3.97 लाख करोड़ रुपये रही। अग्रिम व्यक्तिगत आयकर प्राप्तियां 1.23 लाख करोड़ रुपये रहीं।
अग्रिम कर का भुगतान वित्त वर्ष समाप्त होने के बजाय आय के अनुमान के आधार पर पूरे वित्त वर्ष के दौरान चार मासिक किस्तों में किया जाता है। इसे आर्थिक गतिविधियों का संकेतक भी माना जाता है। अग्रिम कर की पहली किस्त के तौर पर 15 फीसदी का भुगतान 15 जून तक किया जाता है। दूसरी किस्त में 30 फीसदी का भुगतान 15 सितंबर तक, 30 फीसदी की तीसरी किस्त 15 दिसंबर तक और शेष कर का भुतान 15 मार्च तक करना होता है।
रिफंड समायोजित करने के बाद चालू वित्त वर्ष में अभी तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.81 फीसदी बढ़कर 11.35 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 9.47 लाख करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा पूरे साल के बजट लक्ष्य का करीब 80 फीसदी है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 14.2 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसमें कॉरपोरेट कर प्राप्तियां 6.06 लाख करोड़ रुपये और प्रतिभूति लेनदेन कर सहित व्यक्तिगत आय कर संग्रह 5.26 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। चालू वित्त वर्ष में कुल संग्रह (रिफंड घटाने से पूर्व) 25.9 फीसदी बढ़कर 13.63 लाख करोड़ रुपये रहा है जो पिछले साल 10.83 लाख करोड़ रुपये था।
चालू वित्त वर्ष में अभी तक प्राप्त प्रत्यक्ष कर को देखें तो अग्रिम कर के तौर पर 5.21 लाख करोड़ रुपये, स्रोत पर कर कटौती मद में 6.44 लाख करोड़ रुपये, स्व-आकलन कर के तौर पर 1.4 लाख करोड़ रुपये, नियमित आकलन कर मद में 46,244 करोड़ रुपये और अन्य मदों में 11,237 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
सीबीडीटी ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष में कुल 2.27 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जबकि पिछले साल इस दौरान 1.35 लाख करोड़ रुपये का रिफंड ही दिया गया था। इस तरह चालू वित्त वर्ष में पिछले साल की तुलना में 68.57 फीसदी ज्यादा रिफंड जारी किया गया। चालू वित्त वर्ष में भरे गए आयकर रिटर्न को प्रोसेस करने की रफ्तार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और तकरीबन 96.5 फीसदी सत्यापित आयकर रिटर्न (आईटीआर) निपटाए जा चुके हैं।’