सरकार की ओर से केंद्रीय उत्पाद शुल्क (सेनवैट) में 4 फीसदी की कटौती के बाद कुछ पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) हार्डवेयर विक्रेताओं की ओर से दामों में मामूली कटौती हो सकती है,
लेकिन दामों में कटौती से हो सकता है कि ग्राहकों को शुल्क में कटौती का सीधा लाभ मिलने की बजाय उनके रवैये में बदलाव हो सकता है।
उदाहरण के लिए मुंबई की जेनिथ कंप्यूटर्स अगले 15 दिनों में 1 से 1.5 प्रतिशत तक दामों में कटौती की घोषणा कर सकती है।
हालांकि, जेनिथ कंप्यूटर्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राज सराफ का कहना है, ‘4 फीसदी की कटौती से हो सकता है हार्डवेयर उद्योग के लिए कोई खास असर न हो। ऐसे कई दूसरे कारण भी हैं, जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है।’
देश की सबसे बड़ी घरेलू पीसी निर्माता कंपनी एचसीएल इन्फोसिस्टम भी कंप्यूटरों के दामों में 2 से 4 प्रतिशत की घोषणा कर सकती है।
एचसीएल इन्फोसिस्टम के कार्यकारी उपाध्यक्ष (मार्केटिंग) जॉर्ज पॉल का कहना है, ‘यह प्राथमिक रूप से सॉफ्टवेयर के कारण कम ज्यादा कीमतों के कारण हो रहा है। यह 2 से 4 प्रतिशत की कटौती उन उत्पादों पर होगी, जो माइक्रोसॉफ्ट के साथ प्री-लोडेड होंगे।’
गार्टनर के प्रधान अनुसंधान विशेषज्ञ दीप्तरूप चक्रवर्ती का कहना है, ‘व्यक्तिगत स्तर पर कंपनियां दामों में कटौती की घोषणा करेंगी। सबसे बड़ी चुनौती कीमतें नहीं ग्राहकों का रवैया है। मंदी ने मांग पर असर डाला है, जिसके बाद वे मुंबई में हुए आतंकी हमलों से जूझ रहे हैं। विक्रेताओं के पास पीसी का बड़ा स्टॉक इकट्ठा हो गया है, वे पहले इस माल को निकालने पर ध्यान दे रहे, बजाय नए उत्पादों के।’
हार्डवेयर के संघ सूचना प्रौद्योगिकी के निर्माता संघ (एमएआईटी) का भी इस सरकारी प्रयास पर कुछ ऐसा ही जवाब है।
संघ के कार्याकारी निदेशक विन्नी मेहता का कहना है, ‘ऐसी स्थितियों में सरकार की ओर से उठाया गया कदम सकारात्मक है। पिछले 6 महीनों में रुपये-डॉलर की दिशा काफी बदली है, जिससे कीमतें बढ़ानी पड़ी थीं।’