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Wipro का बड़ा दांव: AI और क्लाउड पर फोकस, GCC मॉडल से बढ़ेगा IT सेक्टर में भारतीय नेतृत्व

भारतीय आईटी सेवा कंपनियां अपने ग्राहकों को कर्मचारी प्रदान करके और उन्हें केंद्र चलाने में मदद करते हुए जीसीसी स्थापित करती हैं।

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अविक दास   
Last Updated- April 13, 2025 | 10:20 PM IST

इन्फोसिस और कॉग्निजेंट के नक्शेकदम पर चलते हुए विप्रो समर्पित वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) सेवा लाइन स्थापित करने की योजना बना रही है, क्योंकि इसका लक्ष्य ऐसी श्रेणी में हिस्सेदारी हासिल करना है, जिसने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा क्षेत्र की सभी कंपनियों का ध्यान आकर्षित किया है। इस विषय से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

विप्रो बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में अपने जीसीसी स्थापित करने, संचालन करने और फिर कुछ वर्षों के बाद उस इकाई को मूल कंपनी को वापस हस्तांतरित करने में मदद करेगी, जिसे लोकप्रिय रूप से बीओटी मॉडल के रूप में जाना जाता है।

भारतीय आईटी सेवा कंपनियां अपने ग्राहकों को कर्मचारी प्रदान करके और उन्हें केंद्र चलाने में मदद करते हुए जीसीसी स्थापित करती हैं। इसके बदले में जीसीसी आईटी कंपनियों को कर्मचारियों के लिए भुगतान करती हैं या राजस्व का एक हिस्सा उन्हें देती हैं। यह कदम देश की चौथी सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी में सुस्त पड़ते राजस्व को बढ़ावा देने के लिए मुख्य कार्य अधिकारी श्रीनि पालिया द्वारा उठाया गया नवीनतम कदम है, क्योंकि वह उन कई मसलों को दुरुस्त करना चाहते हैं, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्थिर विकास को बाधित किया है।  पालिया ने हाल ही में अपने पद पर एक वर्ष पूरा किया है। उन्होंने ग्राहकों की उभरती कारोबारी आवश्यकताओं के अनुरूप कंपनी की वैश्विक कारोबारी लाइनों को फिर से सुव्यव​स्थित किया है तथा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), क्लाउड और डिजिटल परिवर्तन जैसे उभरते प्रौद्योगिकी अवसरों पर और ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है।  विप्रो ने अगले सप्ताह चौथी तिमाही के अपने आय परिणाम से पहले सार्वजनिक रूप से जानकारी नहीं दिए जाने वाली अव​धि का हवाला देते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

जीसीसी भारत में विदेशी कंपनियों के प्रौद्योगिकी केंद्र होतें हैं। उन्हें अपने निजी इस्तेमाल वाले केंद्र कहा जाता था, लेकिन उद्योग में कई लोग अब उनकी बढ़ती परिपक्वता और उनके मुख्यालय से हासिल होने वाली अधिक स्वायत्तता के कारण जीसीसी कहना पसंद करते हैं। 

First Published : April 13, 2025 | 10:19 PM IST