विनफास्ट एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) फाम सान्ह चाऊ
विनफास्ट एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) फाम सान्ह चाऊ ने कहा कि कंपनियां जिस रफ्तार से कदम बढ़ाती हैं, उससे नीति निर्माण की प्रक्रिया मेल नहीं खाती। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी जैसी फर्में पहले से ही अपने भारतीय कारखाने से कारें तैयार कर रही हैं जबकि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निवेश योजना को अभी अधिसूचित ही किया है। इस नीति का मसौदा उस वक्त तैयार किया गया था जब विनफास्ट ने पहली बार भारत में प्रवेश का मन बनाया था। पिछले साल 15 मार्च को भारी उद्योग मंत्रालय ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएमईपीसीआई) को अधिसूचित किया। लेकिन विस्तृत दिशानिर्देश एक साल से अधिक समय बीतने के बाद 2 जून, 2025 को जारी किए गए। इससे उद्योग की रफ्तार और नीति निर्माण की गति के बीच के अंतर की चाऊ की बात की पुष्टि होती है।
चाऊ ने कहा, ‘मैं उस नीति से पहले दिन से ही जुड़ा हुआ था। मैंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कई अन्य सचिवों से इस बारे में बात की। उस नीति का मसौदा तब तैयार किया गया था जब हम भारत में प्रवेश करने पर विचार कर रहे थे। अब, हमारी कारें, हमारे भारतीय कारखाने से निकल रही है और उस नीति को अभी पूरा (अधिसूचित) किया गया है।’ उन्होंने शनिवार को भारतीय बाजार के लिए विनफास्ट की पहली दो कारों को लॉन्च करने के बाद चुनिंदा मीडिया राउंडटेबल के दौरान कहा, ‘इसमें देरी है। अब हम इसके पात्र नहीं हैं। वह नीति नए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए है। हम पहले ही यहां निवेश कर चुके हैं। मुझे नहीं पता कि उस योजना के तहत कौन सी कंपनी निवेश में रुचि दिखा रही है।’