वेदांत रिसोर्सेज (Vedanta Resources) तय सीमा पर कर्ज चुकाने के लिए काफी हद तक ब्रांड मॉनेटाइज़ेशन, रिफाइनैंसिंग और जनरल रिजर्व के ट्रांसफर पर निर्भर है।
कंपनी की वित्त वर्ष 2023-24 में होने वाला कुल ऋण चुकौती लगभग 4.2 अरब डॉलर है। इसमें से कंपनी पहली तिमाही में ही 2 अरब डॉलर का भुगतान कर चुकी है। वहीं, बाकी बचे 2.2 अरब डॉलर में 1.3 अरब डॉलर का कुल कर्ज, इंटरेस्ट और इंटर-कंपनी लोन है।
कंपनी ने जनवरी 2024 तक 1.3 अरब डॉलर के बॉन्ड का भुगतान करना है। पुनर्भुगतान की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए भारतीय सूचीबद्ध इकाई वेदांता लिमिटेड से रॉयल्टी का प्रतिशत इस वर्ष से 2 प्रतिशत से बढ़कर 3 प्रतिशत हो गया है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न विकल्पों में से कंपनी संपूर्ण ओकट्री बकेट को रिफाइनेंस करने और ब्रांड मॉनेटाइज़ेशन पर विचार कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक़, हिंदुस्तान जिंक और वेदांता लिमिटेड जनरल रिजर्व को बरकरार रखी गई आय में स्थानांतरित करने के लिए उधारदाताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं, जिससे अतिरिक्त लाभांश क्षमता पैदा होगी।
इससे पहले पिछले सप्ताह वेदांत समूह की मूल कंपनी वेदांत रिसोर्सेज ने 1.4 अरब डॉलर के बॉन्ड की रकम चुकाने की घोषणा की थी। मई और जून में देय इन बॉन्डों का भुगतान करने से कंपनी का सकल कर्ज घटकर 6.4 अरब डॉलर रह गया।
लंदन की वेदांत रिसोर्सेज (Vedanta Resources) ने कहा कि मार्च 2022 में कर्ज कम करने के लक्ष्य की घोषणा के बाद से उसने सकल कर्ज में 3.3 अरब डॉलर की कमी की है। वेदांत समूह का लक्ष्य वित्त वर्ष 2023-2024 में कर्ज को और कम करते हुए पूरी तरह खत्म कर देना है।