देश की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड क्वालिफाइड इंस्टीटयूशनल प्लेसमेंट के जरिये 1250 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली की डेवलपर कंपनी यूनिटेक इस महीने के अंत तक फंड जुटाने की योजना बना रही है। इस मसले पर राय देने के लिए कंपनी ने यूबीएस और आईडीएफसी को बतौर सलाहकार नियुक्त किया है।
यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और कुछ प्रमुख अधिकारी इस बाबत निवेशकों की भावनाओं को बदलने के लिए पिछले कुछ दिनों से मुंबई में एक अभियान चला रहे हैं। हालांकि इस मुद्दे पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से कंपनी के प्रवक्ता ने इनकार कर दिया।
यूनिटेक यह कदम तब उठा रही है, जब प्रतिभूतियों की बिक्री के जरिये 5000 करोड़ रुपये जुटाने की कवायद के आवेदन को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से फरवरी में कंपनी ने वापस ले लिया था।
एक साल पहले कंपनी क्वालिफाइड इंस्टीटयूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिये 7500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही थी। क्यूआईपी में संस्थागत खरीदार को इक्विटी की प्राइवेट प्लेसमेंट की जाती है। स्टॉक बाजार में हालिया गिरावट के दौर ने यूनिटेक की क्यूआईपी योजना पर पानी फेर दिया।
जब सेंसेक्स 32 फीसदी उछला, तो यूनिटेक के शेयर मार्च तक 70 फीसदी ऊपर चढ़ चुका था। पिछले दो कारोबारी सत्र में कंपनी के शेयर 14 फीसदी चढ़ गए और गुरुवार को 42.05 रुपये पर बंद हुआ।
एक निवेश बैंक ने कहा, ‘जैसे ही बाजार ने गिरावट से उबरना शुरू किया, यूनिटेक ने अपनी योजना को अमली जामा पहनाने की कोशिश तेज कर दी।’ अगर यूनिटेक की क्यूआईपी योजना क्रियान्वित होती है, तो पिछले आठ महीने में इस तरह के प्लेसमेंट की यह पहली घटना होगी।
आठ महीने पहले भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने क्यूआईपी शर्तों में बदलाव की थी। पिछले अगस्त को सेबी ने क्यूआईपी की प्राइसिंग शर्तों में संशोधन किया था। इसमें कहा गया था कि पिछले दो हफ्ते के मूल्य के आधार पर औसत मूल्यांकन किया जाए। पहले यह औसत छह महीने के आधार पर निकाला जाता था। उसके बाद से बाजार में क्यूआईपी का कोई मामला सामने नहीं आया।
