गुजरात के आदिवासी विश्व पटल पर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 1:43 AM IST

गुजरात के आदिवासी इनोवेटर अब वैश्विक पहचान कायम  करने  जा रहे हैं। हैदराबाद की  मैट्रिक बायोसाइंसेज कंपनी ने इन इनोवेटरों से 13 तकनीकों का अधिकार खरीदा है जिनमें से 6 तकनीकियां जड़ी-बूटी से तैयार कीटनाशकों और 7 तकनीकियां पशु चिकित्सा उत्पादों से संबद्ध हैं।


ये इनोवेटर सोसायटी फॉर रिसर्च ऐंड इनीशिएटिव्स फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज ऐंड इंस्टीटयूशंस (सृष्टि)-नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) से जुड़े हुए हैं। कंपनी ने इन उत्पादों को अपने ब्रांड के तहत थाईलैंड, हांगकांग, इंडोनेशिया और फिलीपींस में जगह दिलाने की योजना बनाई है।

मैट्रिक्स बायोसाइंसेज के अध्यक्ष (तकनीकी) रमेश चौहान ने बताया, ‘करार के तहत ये उत्पाद हमारे ब्रांडों के साथ बाजार में उतारे गए हैं। इन उत्पादों के वाणिज्यीकरण के लिए कई गैर-सरकारी संगठनों ने हमसे संपर्क किया है लेकिन खास बात यह है कि हम सृष्टि का सम्मान कर रहे हैं जो वास्तव में इन इनोवेटरों के नाम को बढ़ावा देना चाहता है। उत्पादों की सभी बोतलों पर इनोवेटरों के नाम और तस्वीर लगाए गए हैं।’

इस करार के तहत बीमारियों को ठीक करने के लिए सात पशु चिकित्सा उत्पादों और 6 कीटनाशकों के अधिकार कंपनी को हस्तानांतरित कर दिए गए हैं। हर्बल उत्पादों सृष्टि कृषक, सृष्टि रक्षक, सृष्टि शास्त्र, सृष्टि शक्ति, सृष्टि प्रयास और सृष्टि सुरक्षा और कोक्सीडियोसिस, मैस्टीटिस, लैक्टोगोग डायरिया, घाव और सूजन जैसी बीमारियों को ठीक करने वाले सात उत्पादों का लाइसेंस कंपनी को हासिल हो गया है।

कोक्सीक्योर नामक उत्पाद कोक्सीडियोसिस बीमारी को नियंत्रित करता है। यह विशेष उत्पाद पक्षियों की बीमारियां दूर करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं कृषि कीटनाशक का प्रयोग फूलों एवं पौधों पर किया गया है।

सृष्टि के अध्यक्ष एवं इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के प्रोफेसर अनिल गुप्ता ने कहा, ‘बड़ी तादाद में इनोवेटर प्रतिदिन गु्रप लाइसेंसिंग के तहत हमसे जुड़ रहे हैं। ये हर्बल प्रौद्योगिकियां खेतिहर मजदूरों और आदिवासियों ने विकसित की हैं। इन श्रमिकों और आदिवासियों के पास पारंपरिक ज्ञान तो है, लेकिन लाभ के लिए इन प्रौद्योगिकियों को बाजार तक पहुंचाने का मंच इन्हें उपलब्ध नहीं है।’

एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से आयोजित जैविक खाद्य महोत्सव के दौरान इन इनोवेटरों को कंपनी ने प्रतीक राशि के तौर पर 50,000 रुपये दिए। इसके अलावा बिक्री की 5 प्रतिशत राशि रॉयल्टी के तौर पर सृष्टि को दी गई है।

First Published : May 26, 2008 | 2:53 AM IST