श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस कंपनी (एसटीएफसी) के अल्पांश शेयरधारकों ने प्रमुख निजी इक्विटी कंपनी टीपीजी कैपिटल एशिया के सह प्रबंध निदेशक एवं भारतीय कारोबार के प्रमुख पुनीत भाटिया को बोर्ड में सदस्य के तौर पर दोबारा नियुक्ति करने के प्रस्ताव के खिलाफ भारी मतदान किया। इस प्रकार अल्पांश शेयरधारकों ने भाटिया को श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस के बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
भारतीय उद्योग जगत में ऐसी घटना विरले दिखती है जहां किसी हाई प्रोफाइल बोर्ड सदस्य को बाहर करने के लिए आम शेयरधारकों के बीच इस प्रकार की सहमति बनती है। इस मामले से निवेशकों द्वारा कंपनी पर बढ़ती निगरानी और व्यक्तिगत तौर पर बोर्ड सदस्यों के प्रदर्शन के आकलन का पता चलता है।
वाहन फाइनैंस कंपनी एसटीएफसी ने गुरुवार को आयोजित वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों से मंजूरी के लिए सात प्रस्ताव रखे थे जिनमें पुनीत भाटिया की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव को छोड़कर सभी प्रस्तावों को शेयरधारकों की हरी झंडी मिल गई। प्रस्ताव को प्रवर्तकों का शत प्रतिशत वोट मिला जबकि 83 फीसदी आम शेयरधारकों ने उसके खिलाफ वोट किया जिनमें अधिकतर संस्थागत निवेशक थे। कुल मिलाकर इस प्रस्ताव को 43.1 फीसदी वोट मिला जबकि एक सामान्य प्रस्ताव के तौर पर इसे पारित होने के लिए 50 फीसदी मतदान की दरकार थी। अधिकतर प्रॉक्सी सलाहकार फर्मों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान की सिफारिश की थी क्योंकि बोर्ड की बैठकों एवं अन्य समिति की बैठकों में उनकी मौजूदगी काफी कम रहती थी। स्टेकहोल्डर्स एम्पावरमेंट सर्विसेज (एसईएस) ने मतदान के लिए अपने परामर्श में कहा था, ‘प्रोफाइल और समय संबंधी प्रतिबद्धता को लेकर कोई समस्या नहीं है लेकिन इस निदेशक (भाटिया) की उपस्थिति कम रही है।’
