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UPI में शीर्ष नाम जस के तस

एनपीसीआई ने 2024 में 20 नए यूपीआई ऐप्स को दी मंजूरी, फिनटेक सेक्टर में बढ़ती दिलचस्पी

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अजिंक्या कवाले   
Last Updated- December 23, 2024 | 10:28 PM IST

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने 2024 में 20 थर्ड पार्टी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) आवेदनों को मंजूरी दी, जो 2016 में इसकी शुरुआत के बाद से रिकॉर्ड मंजूरी है। इस तेजी से वित्तीय तकनीकी (फिनटेक) कंपनियों की बढ़ती रुचि का पता चलता है, जो यूपीआई से जुड़े क्रेडिट कार्ड और पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों जैसे क्रेडिट उत्पादों के एकीकरण से संचालित है।

अक्टूबर में एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी दिलीप असबे ने कहा था कि करीब 50 इकाइयां थर्ड पार्टी ऐप्लीकेशन प्रोवाइडर (टीपीएपी) की मंजूरी पाने को इच्छुक हैं। इस समय यूपीआई भुगतान पर जीरो मर्चेंट डिस्काउंट रेट होने के बावजूद इसकी मांग है। यूपीआई में नए हिस्सेदारों के आने से कोई जरूरी नहीं है कि शीर्ष कारोबारियों की बाजार हिस्सेदारी पर उल्लेखनीय असर पड़े।

शीर्ष 2 कारोबारियों फोनपे और गूगल पे की यूपीआई से लेन-देन की मात्रा में करीब 85 प्रतिशत हिस्सेदारी बनी हुई है। अधिकांश नए ऐप्लीकेशंस यूपीआई की बाजार हिस्सेदारी के बारे में कम और ऋण, बीमा और धन प्रबंधन जैसे ज्यादा मुनाफा वाले कारोबार में लाभ उठाने के इच्छुक हैं। इस वर्ष टीपीएपी प्राप्त करने वाले एक फिनटेक कार्यकारी ने कहा, ‘यहां तक कि 0.1 प्रतिशत यूपीआई बाजार हिस्सेदारी भी ग्राहकों को क्रेडिट और बीमा की क्रॉस-सेलिंग के लिए आकर्षित करने के लिए पर्याप्त है।’

इस क्षेत्र में हाल में उतरने वाली नावी और सुपर मनी ने यूपीआई के क्षेत्र में जगह बनाई है, जिनकी रैंकिंग क्रमशः चौथी और सातवीं है। बहरहाल इनकी बाजार हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से कम है। तीसरे स्थान पर मौजूद पेटीएम से लेनदेन उसके बाद वाली प्रतिस्पर्धी से 7 गुना ज्यादा है। हाल में टीपीएपी के रूप में उतरी कंपनियों की प्राथमिकता उनके मौजूदा राजस्व सृजन कारोबार जैसे क्रेडिट और संपत्ति प्रबंधन पर है, जिसमें यूपीआई भुगतान की तुलना में बेहतर मार्जिन मिलता है।

यूपीआई भुगतान अभी ग्राहकों व कारोबारियों के लिए मुफ्त है। फिनटेक और बैंक पेमेंट प्रॉसेसिंग की लागत का बोझ उठा रहे हैं। मंजूरी पाने वाली फर्मों का कई कारोबार है, जिसमें क्रेडिट, संपत्ति प्रबंधन और भुगतान शामिल है। 2024 में आदित्य बिड़ला कैपिटल डिजिटल, फ्रेओ, मनीव्यू, इंडमनी, वनकार्ड, सुपर मनी, भारत पे और अन्य को एनपीसीआई से टीपीएपी मंजूरी मिली है। वहीं एनपीसीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में केवल 2 और 2024 में 4 कंपनियों को मंजूरी मिली थी। इस समय देश में कुल 40 टीपीएपी परिचालन में हैं। निकाय को अभी 30 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी की सीमा लागू करनी है।

First Published : December 23, 2024 | 10:28 PM IST