सरकार ने माना, टाटा तो चले

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 10:09 PM IST

पश्चिम बंगाल सरकार भी अब मानने लगी है कि सिंगुर से नैनो की विदाई लगभग तय है। यही वजह है कि राज्य के उद्योग मंत्री निरुपम सेन ने गुरुवार को कैबिनेट सदस्यों से कहा कि सिंगुर में नैनो परियोजना की संभावना धूमिल होती नजर आ रही है और टाटा के पास विभिन्न राज्यों से संयंत्र स्थापित करने के लिए आमंत्रण आ रहे हैं।
यही नहीं, उन्होंने कैबिनेट सदस्यों से अपील की कि वे टाटा और विपक्षी पार्टी को मनाएं, ताकि सिंगुर से नैनो की विदाई न हो। इस बीच राज्य सरकार की ओर से टाटा मोटर्स को पत्र लिखा गया है कि सिंगुर से नैनो संयंत्र न हटाएं।

साथ ही, एक पत्र तृणमूल कांग्रेस को भी लिखा गया है कि सिंगुर में परियोजना के काम को शुरू करने का वातावरण तैयार करें और सरकार की ओर से प्रस्तावित मुआवजा पैकेज को स्वीकार कर लिया जाए, ताकि राज्य से नैनो की विदाई न होने पाए।

उधर, राज्य के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य भी कैबिनेट से यह बात कह चुके हैं कि वर्तमान परिस्थिति में परियोजना का काम शुरू करना संभव नहीं है। कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रियों ने इस बारे में दोनों पक्षों से इस मसले पर बात करने की सहमति जताई।

कैबिनेट की ओर से कहा गया कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से अभी तक सरकार के पास आंदोलन वापस लेने के बारे में कोई पत्र नहीं आया है।

उधर, टाटा मोटर्स की ओर नैनो संयंत्र के विकल्प के तौर पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलने से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नैनो यहां से विदा हो जाएगी।

हालांकि राज्य के एक मंत्री का कहना है कि सिंगुर से परियोजना को हटाने से पहले टाटा कम से कम एक बार मुख्यमंत्री से जरूर बात करेंगे।

सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी भी चाहती हैं कि नैनो सिंगुर से नहीं जाए, लेकिन वे इस बात पर भी अड़ी हुई हैं कि भूमि नहीं देने को राजी किसानों के मामले को उचित तरीके से सुलझाया जाए।

ममता ने गुरुवार को पार्टी रैली में एक बार फिर से इस बात को दोहराया कि परियोजना स्थल के अंदर की करीब 300 एकड़ जमीन को किसानों को लौटा दिया जाना चाहिए। इस बीच, सिंगुर में माकपा और तृणमूल कांग्रेस, दोनों 26 सितंबर को बैठक बुलाने का ऐलान कर चुकी है।



 

First Published : September 25, 2008 | 10:42 PM IST