प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत के 6G मिशन का उद्घाटन किया। इसका मकसद भारत में अगली पीढ़ी की तकनीक की पहल पर ध्यान केंद्रित करना और आधिकारिक 6G टेस्टबेड परियोजना पर काम करना है। इससे आगामी नए नेटवर्क की तकनीक पर शोध हो सकेगा।
सरकार ने भारत 6G परियोजना की शुरुआत की है, जिसकी निगरानी के लिए शीर्ष परिषद की नियुक्ति की गई है। भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम बाजार है, जहां 1.2 अरब डिजिटल ग्राहक हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले 9 साल में भारत ने डिजिटल क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है और भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय व अर्थव्यवस्था की तुलना में 2.5 गुना तेजी से बढ़ी है।
मोदी ने ‘कॉल बिफोर यू डिग’ (CBUD) ऐप की भी शुरुआत की, जिसके माध्यम से खुदाई एजेंसियों और भूमिगत युटिलिटी मालिकों के बीच तालमेल बन सकेगा और खुदाई के दौरान उपयोग की चीजों के नुकसान से बचा जा सकेगा।
उन्होंने कहा, ‘इस अवधि के दौरान ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गई है। इंटरनेट कनेक्शन 25 करोड़ से बढ़र 85 करोड़ हो गई है। सरकार और निजी क्षेत्र ने मिलकर 25 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है।’
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत इस समय दुनिया की सबसे ज्यादा कनेक्टेड डेमोक्रेसी है, जहां रोजाना 7 करोड़ ई-पहचान होती है और 800 करोड़ यूपीआई लेन-देन हर महीने होती है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने नागरिकों को प्रत्यक्ष नकदी अंतरण के माध्यम से 28 लाख करोड़ रुपये भेजे हैं।
6G सप्लाई चेन
सरकार ने नवंबर 2021 में टेलीकॉम सचिव के राजारमन के नेतृत्व में 22 सदस्यों के नवोन्मेष ग्रुप का गठन किया था, जिससे भारत में 6G खाके का दृष्टिपत्र तैयार किया जा सके।
स्थलीय संचार गियर और कंपोनेंट जैसी उभरती तकनीकों के लिए सप्लाई चेन तैयार करने में महत्त्वपूर्ण स्थान हासिल करने के लिए भारत सरकार कवायद कर रही है और 6G एयरेव्स को खोलना इन्हीं प्रयासों का एक हिस्सा है।
नई 6G टेस्टबेड का विकास भारत के कई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) के कंसोर्टियम द्वारा किया जा रहा है जिसमें गुवाहाटी और मद्रास आईआईटी शामिल हैं।
यह परियोजना स्टार्टअप, शोधकर्ताओं, उद्योग और अन्य ब्रॉडबैंड वायरलेस ऐप्लीकेशंस को शोध एवं विकास प्लेटफॉर्म मुहैया कराएगी, जिसमें आत्मनिर्भर भारत के तहत आने वाले ई-प्रशासन, स्मार्ट सिटी , ग्रामीण ब्रॉडबैंड या अन्य डिजिटल इंडिया पहल शामिल हैं।
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कुछ महीने के भीतर ही भारत का 5जी आवंटन कुछ सौ शहरों में पहुंच गया। टेलीकॉम टावर स्थापित करने के लिए अनुमति की औसत अवधि 222 दिन से घटकर महज 7 दिन रह गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी तकनीक 125 शहरों और 350 जिलों तक पहुंच गया है और भारत टेलीकॉम उपकरणों के निर्यात का केंद्र बनकर उभर रहा है, जिसमें 5जी तकनीक भी शामिल है।
नया ITU कार्यालय
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के नए ‘क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र’ का उद्घाटन किया।
ITU सूचना एवं संचार तकनीक (ITC) की संयुक्त राष्ट्र की विशेषीकृत एजेंसी है। ITU की अगली विश्व दूरसंचार मानकीकरण एसेंबली अगले साल भारत में आयोजित होगी।
ITU की सेक्रेटरी जनरल डोरीन बोगडान मार्टिन ने कहा कि नए कार्यालय से ITU को भारत व इस इलाके के अन्य देशों के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी।
बोगाडान मार्टिन ने कहा कि भारत डिजिटल क्रांति का रोल मॉडल है। यह नवोन्मेष केंद्र अत्याधुनिक नवोन्मेषों के विश्व के सबसे बेहतरीन केंद्रों में से एक होगा।