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BSNL के अधिकारियों ने बताया कि सरकार भले ही बड़े नेटवर्क विस्तार की योजना बना रही हो, लेकिन वह BSNL के टावरों के मॉनेटाइजेशन के तरीके में बदलाव करने के मूड में नहीं है। पहले BSNL अपने मोबाइल टावरों की बिक्री पर ध्यान दे रही थी, लेकिन अब उसने इसे लीज-आधारित मॉडल में बदल दिया है। इस बदलाव के कारण टेलीकॉम सेक्टर में मॉनेटाइजेशन का टारगेट बदलना पड़ा। बिजनेस स्टैंडर्ड ने पहले बताया था कि अगस्त में कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई एक अंतर-मंत्रालयी बैठक में इस पर चर्चा हुई थी। यह बैठक कोर ग्रुप ऑन एसेट मॉनेटाइजेशन (CGAM) का हिस्सा थी। इस समूह ने BSNL को उसकी धीमी मॉनेटाइजेशन प्रक्रिया और कई बार टारगेट पूरा न करने के लिए फटकार लगाई थी।
लेकिन BSNL के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी केवल उन गैर-जरूरी संपत्तियों का मॉनेटाइजेशन करेगी, जिनकी निकट भविष्य में जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे मौजूदा मॉनेटाइजेशन प्रयासों के ढांचे में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। 4G नेटवर्क विस्तार और जल्द ही 5G में अपग्रेड की योजनाओं को देखते हुए टावर जैसे मुख्य संपत्तियों की सीधी बिक्री पर पुनर्विचार किया जा रहा है।”
जनवरी तक BSNL और MTNL ने मिलकर 2019 से 12,984 करोड़ रुपये की संपत्तियों का मॉनेटाइजेशन किया है। यह जानकारी पिछले महीने दूरसंचार विभाग (DOL) ने संसद को दी थी। इसमें गैर-मुख्य संपत्तियों जैसे जमीन और इमारतों की बिक्री से 4,522.43 करोड़ रुपये और टावर व फाइबर जैसे मुख्य संपत्तियों की बिक्री से 8,462.43 करोड़ रुपये शामिल हैं। तुलना करें तो 2022 में निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने BSNL की 18,200 करोड़ रुपये की संपत्तियों और MTNL की छह संपत्तियों (5,158 करोड़ रुपये मूल्य) के मॉनेटाइजेशन को मंजूरी दी थी।
इस बीच, BSNL जून 2025 तक पूरे देश में 4G नेटवर्क शुरू करने की योजना बना रही है। इसके लिए 1 लाख साइट्स लगाई जाएंगी, जिन्हें एक महीने के भीतर 5G में बदला जाएगा। मार्च की शुरुआत तक 83,000 से ज्यादा साइट्स लग चुकी थी, जिनमें से 75,000 शुरू हो चुकी थी। BSNL ने 5G बुनियादी ढांचे का परीक्षण शुरू कर दिया है। जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, भोपाल, कोलकाता, पटना, हैदराबाद, चेन्नई और कुछ अन्य राज्य की राजधानियों में 5G साइट्स काम करने लगी हैं।
BSNL की संपत्ति मॉनेटाइजेशन के लिए बनाई गई एक समर्पित वेबसाइट पर अभी 5,354 खाली जमीन और इमारतों की संपत्तियां बिक्री और किराए के लिए लिस्टेड हैं। इसके अलावा 536 नई संपत्तियां जल्द बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। हालांकि, BSNL ने यह नहीं बताया कि वेबसाइट के जरिए अब तक कितनी जमीन और इमारतें बिकी हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि “यह संख्या बहुत ज्यादा नहीं है।”
दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों को एक पत्र लिखकर इस वेबसाइट की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि सरकारी विभाग, जिन्हें जमीन की जरूरत है, वे सीधे BSNL से जमीन खरीद सकते हैं।
BSNL के अधिकारियों का कहना है कि सैकड़ों जिलों में फैली जमीनों को बेचना, खासकर बड़े शहरों के बाहर, बहुत मुश्किल है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर कई तरह के आदेश की जरूरत पड़ती है। 2021 में DOT ने BSNL की जमीन और इमारतों की संपत्तियों के मॉनेटाइजेशन के लिए एक नीति जारी की थी, जिसमें सीधी बिक्री या ट्रांसफर की बात थी। फिर भी, BSNL इन संपत्तियों का मॉनेटाइजेशन करने में कई तरह के तरीके आजमाने के बावजूद जूझ रही है।
सरकार का BSNL की संपत्तियों के मॉनेटाइजेशन पर जोर इसलिए भी है क्योंकि वह कंपनी के भारी नुकसान को कम करना चाहती है। वित्त वर्ष 2024 में BSNL का शुद्ध नुकसान 5,371 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023 में 8,161 करोड़ रुपये था। हाल ही में, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कंपनी का समेकित शुद्ध नुकसान घटकर 836.07 करोड़ रुपये हो गया, जो तीसरी तिमाही में 839.03 करोड़ रुपये था।