भारत के प्रमुख औद्योगिक घराना टाटा समूह ने बैंकिंग सेक्टर में उतरने का इरादा जताया है।
हालांकि कंपनी का कहना है कि यह तभी संभव है, जब सरकार इस बात की पांबदी हटा दे कि औद्योगिक समूह की बैंक में हिस्सेदारी नहीं हो सकती है। उल्लेखनीय है कि सरकार की ओर से इस बात की पाबंदी है कि औद्योगिक समूह की बैंक में पांच फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं हो सकती है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रपट के मुताबिक, कंपनी अधिकारियों का कहना है कि टाटा समूह हर तरह की बैंकिंग सुविधाओं से लैस बैंक खोलने की कवायद में लगा है। टाटा सन्स के वित्तीय निदेशक आई. हुसैन का कहना है कि कंपनी पहले ही बैंकिंग सेवा की तरह सुविधाएं मुहैया करा रही है। इनमें एसेट मैनेजमेंट, क्रेटिड कार्ड, स्टॉक एंड कमोडिटी ब्रोकिंग, बीमा आदि की उपलब्ध है।
ऐसे में कंपनी का मकसद पूरी तरह से बैंकिंग सेवा शुरू करने की है। कंपनी का कहना है कि अगर सरकार से इसकी अनुमति मिल गई, तो आम लोगों के साथ-साथ व्यावसायिक जगत को भी इससे फायदा होगा। टाटा एआईजी के साथ बीमा क्षेत्र में काम कर रही है, जबकि अमेरिकी कंपनी न्यू स्टार एसेट मैनेजमेंट के साथ मिलकर एसेट मैनेजमेंट के व्यवसाय से जुड़ी है। गौरतलब है कि आरबीआई पर इस तरह की पाबंदी की समीक्षा और उसे हटाने का दबाव बना हुआ है।
टाटा समूह हर तरह की बैंकिंग सुविधाओं से लैस बैंक खोलने की कवायद में लगा है
कंपनी पहले ही बैंकिंग सेवा की तरह सुविधाएं मुहैया करा रही है