बिजली उत्पादन करने वाली प्रमख कंपनी टाटा पावर कंपनी लिमिटेड की योजना 2013 तक अपनी क्षमता को 6 गुना बढ़ाकर 12,800 मेगावाट करने की है। इसके लिए कंपनी 25 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त निवेश करेगी।
फिलहाल कंपनी 5500 मेगावाट की नई परियोजनाओं पर काम कर रही है। टाटा पावर इस समय लगभग 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है, लेकिन वह उड़ीसा में सार्वजनिक-निजी हिस्सेदारी के तहत 1000 मेगावाट वाला कोयला थर्मल बिजली परियोजना लगाने वाली है।
इसी जगह पर टाटा स्टील के लिए 1,270 मेगावाट वाला कैप्टिव बिजली संयंत्र भी यही लगाया जाएगा। टाटा उड़ीसा के मंदाकिनी कोयला ब्लॉक से कोयले की मांग को पूरा करेगी, जो टाटा पावर, जिंदल फोटो और मोनेट इस्पात को उनके बिजली संयंत्रों के लिए साझे रूप से आवंटित किया गया है। टाटा पावर के प्रबंध निदेशक प्रसाद मेनन के मुताबिक इस परियोजना के लिए कंपनी को 1500 एकड़ जमीन की जरूरत होगी, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया गया है।
टाटा पावर झारखंड में कैप्टिव कोयला खदानों के साथ एक 500 मेगावाट टयूब्ड कोयला बिजली संयंत्र लगाने के बारे में भी सोच रही है। कंपनी ने पहले ही हिंडालको और टयूब्ड कोल माइनिंग लिमिटेड के साथ टयूब्ड कोयला खनन के लिए संयुक्त उपक्रम बनाया है।
कपंनी झारखंड में टाटा स्टील के लिए एक 500 मेगावाट का कैप्टिव बिजली संयंत्र भी लगाएगी। इसके अलावा महाराष्ट्र के शाहपुर में भी कंपनी 2,400 मेगावाट वाली एक परियोजना पर काम कर रही है, जिसके पहले चरण में संयंत्र की क्षमता 1400 मेगावाट होगी। इसके लिए कंपनी ने 540 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया है और इसका पहला चरण 2012 में पूरा होने की उम्मीद है। इसे अलावा कंपनी दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और अन्य विदेशी बाजारों में अधिग्रहण की संभावनाएं भी तलाश रही है।