सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एसएमबीसी) ने वर्ष 2020 में भारत में अपने कारोबार के लिए 60 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। बैंक चेन्नई में नई शाखा खोलकर देश में अपनी उपस्थिति का विस्तार करेगा। इस निवेश से एसएमबीसी की भारत में परिचालन के लिए पूंजीगत प्रतिबद्धता दोगुनी हो जाएगी।
हाल के दिनों में भारत में बड़ा निवेश करने को लेकर किसी विदेशी वित्तीय क्षेत्र की कंपनी द्वारा की गई यह दूसरी बड़ी योजना है। मंगलवार को सिंगापुर के डीबीएस समूह ने भारतीय निजी ऋणदाता लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। यह डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ एलवीबी के समामेलन की योजना का हिस्सा है। अगस्त में जर्मन ऋणदाता डॉयचे बैंक ने अपनी विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए अपने भारतीय परिचालन में 2,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे कुल पूंजी 18,200 करोड़ रुपये हो गई है। इस पूंजी का उपयोग इसके सभी व्यवसायों – कॉर्पोरेट बैंकिंग, निवेश बैंकिंग एवं अंतर्राष्ट्रीय निजी बैंकिंग में और अधिक विस्तार करने के लिए किया जाएगा। जापानी कर्जदाता एसएमबीस ने बिजनेस स्टैंडर्ड से पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि यह निवेश अधिक संसाधन लेकर आएगा और बैंक भारत में परिचालन का विस्तार करेगी।
नई दिल्ली एवं मुंबई में बैंक शाखाएं खोलने के बाद यह एसएमबीसी की तीसरी शाखा होगी। नई दिल्ली शाखा के प्रमुख एवं प्रंबध निदेशक (भारत) तोशिताते फनाकी ने कहा कि पूंजीगत निवेश बैंक के समूह उधारकर्ता बढ़ाने और ग्राहकों की सेवा बेहतर करने में मदद करेगा।
बैंक ने कहा कि इसमें दिल्ली, मुंबई और चेन्नई शाखाओं के कुल मिलाकर पूरे भारत से 220 लोग काम कर रहे हैं और अभी नई नियुक्तियां की जा रही हैं।
बैंक का लक्ष्य एशिया पर ज्यादा ध्यान देना है और भारत बैंक के वैश्विक व्यापार की वृद्धि के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
