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स्टील इंडस्ट्री को त्योहारी सीजन से दिख रही उम्मीद

एक प्रमुख इस्पात उत्पादक ने भी यह बात दोहराई कि घरेलू बाजार में सभी क्षेत्रों का दृष्टिकोण सकारात्मक है, खास तौर पर बुनियादी ढांचे और वाहन क्षेत्रों के मामले में।

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ईशिता आयान दत्त   
Last Updated- September 15, 2023 | 11:01 PM IST

वाहन और उपभोक्ता उपकरण जैसे उद्योगों की ओर से अधिक मांग के कारण इस्पात क्षेत्र में कुछ उत्साह नजर आ रहा है। आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने कहा कि त्योहारी सीजन से पहले वाहनों और उपभोक्ता सामान की बुकिंग पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा ‘हालांकि कुछेक महीनों के लिए ऐसा हो सकता है, बाद में यह लगभग 10 प्रतिशत के स्तर पर सामान्य हो सकती है।’ जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी जयंत आचार्य ने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान बेहतर बिक्री की उम्मीद से वाहन कंपनियों को उनके ऑर्डरों की अच्छी मांग मिल रही है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन में उपभोक्ता सामान खंडों की भी मांग बढ़ेगी।

इस्पात के अंतिम उपभोग में वाहन और वाहनों की सहायक वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 10 से 12 प्रतिशत और उपभोक्ता वस्तुओं की हिस्सेदारी आठ से 10 प्रतिशत रहती है। हालांकि करीब 60 प्रतिशत के साथ एक बड़ा हिस्सा बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र का रहता है।

एक प्रमुख इस्पात उत्पादक ने भी यह बात दोहराई कि घरेलू बाजार में सभी क्षेत्रों का दृष्टिकोण सकारात्मक है, खास तौर पर बुनियादी ढांचे और वाहन क्षेत्रों के मामले में। आईआईपी के आंकड़ों में उपयोग-आधारित वर्गीकरण से पता चला है कि जुलाई में टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन एक साल पहले की अवधि के मुकाबले 2.7 प्रतिशत तक गिरा है।

हालांकि आचार्य ने कहा कि कुछ उपकरणों की इस्पात मांग में मॉनसून के दौरान सीजनल गिरावट आई है, लेकिन अब त्योहारी सीजन की तैयारी से इसमें तेजी आ रही है।

वाहन क्षेत्र के डीलरों को दमदार त्योहारी मांग की उम्मीद से स्टॉक बढ़ाने के लिए कहा गया था। उपभोक्ताओं की पसंद में बदलाव से भी इस्पात की मांग को बढ़ावा मिल रहा है। धर ने कहा कि इन खंडों के भीतर मांग के स्वरूप में उल्लेखनीय बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि भारत में वाहन बाजार की बिक्री में लगभग 20 से 25 प्रतिशत हिस्सा एसयूवी का हुआ करता था, लेकिन अब यह लगभग 40 प्रतिशत हो गया है।

इस बदलाव से न केवल इस्पात की मांग बढ़ी है, बल्कि मूल्य संवर्धित और अधिक मजबूत इस्पात की जरूरत भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता सामान क्षेत्र में बड़ी वॉशिंग मशीनों की ओर रुझान है, जिससे इस्पात की मांग में और बढ़ोतरी हो रही है। धर के अनुसार इस वृद्धि की प्रेरक शक्ति मुख्य रूप से घरेलू बाजार है।

चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों – अप्रैल से अगस्त के दौरान इस्पात की घरेलू मांग में 13.1 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में सरकारी पूंजीगत व्यय एक बड़ा संचालक रहा, जिसमें पिछले साल की तुलना में 59 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

First Published : September 15, 2023 | 11:01 PM IST