भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान (आईसीएआई) बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सरकारी उपक्रमों में सत्यम जैसी घटनाओं को रोकने के लिए एक बोर्ड का गठन करने पर विचार कर रहा है।
आईसीएआई के अध्यक्ष उत्तम प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि नई समीक्षा रिपोर्टिंग बोर्ड (आरआरबी) के पास गैर सूचीबद्ध कंपनियों की जांच का भी अधिकार होगा। फिलहाल देश में चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) की कार्य प्रणाली का संचालन और निगरानी 2004 में गठित संस्था वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) करती है।
इस संस्था ने सूचीबद्ध कंपनियों के 50 से 60 सीए के कामों की समीक्षा की है और जायजा लिया कि वे किस तरह से काम कर रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि आरआरबी में 7 से 8 सदस्य होंगे, जो बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे।
प्रस्तावित बोर्ड के गठन पर किसी तरह का निर्णय आगामी दो दिवसीय परिषद सम्मेलन के बाद ही लिया जाएगा। यह सम्मेलन 7 मार्च से शुरू हो रहा है। सत्यम फर्जीवाड़े की जांच में मदद कर रहे हैं छह सीए दूसरे घटनाक्रम में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 7000 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की जांच में छह सीए की मदद ले रहा है।
अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इसकी जांच के लिए पांच से छह वरिष्ठ सीए का एक समूह बनाया गया है, क्योंकि इस तरह के मामले की जांच का सीबीआई के पास अनुभव नहीं है।’
जब उनसे पूछा गया कि प्राइस वाटरहाउस के ऑडिटर एस. गोपालकृष्णन, जो सत्यम मामले में जेल में हैं, उन्हें अभी तक आईसीएआई की 11 सदस्यीय कमिटी का हिस्सा बरकरार रखा गया है, के जबाब में अग्रवाल ने कहा कि अभी तक आईसीएआई को उनके खिलाफ किसी तरह का सबूत नहीं मिल पाया है।
जब तक उन पर लगे आरोप सही साबित नहीं जाते, तब तक वे परिषद के सदस्य बने रहेंगे। हालांकि उन्होंने बताया कि गोपालकृष्णन के वरिष्ठ होने के बावजूद उन्हें किसी तरह की कमिटी का काम नहीं सौंपा जा रहा है। आईसीएआई उन सीए पर भी लगाम क सने की तैयारी कर रहा है, जो बिना आईसीएआई सदस्यता के फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
बैंक, एफआइ, पीएसयू की समीक्षा के लिए बनेगा बोर्ड
प्रस्तावित बोर्ड में गैर सूचीबद्ध कंपनियां भी होंगी शामिल
जांच के दौरान गलत पाए जाने पर होगी ऑडिटर के खिलाफ कार्रवाई
सत्यम फर्जीवाड़े की जांच में छह सीए कर रहे हैं मदद
