फ्यूचर रिटेल के स्टोरों का रिलायंस द्वारा अधिग्रहण किए जाने पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कर्जदाताओं के पूर्व सहमति के बिना ऐसा करने के मामले में कंपनी पर जवाबदेही तय करने पर जोर दिया है। एसबीआई सहित फ्यूचर रिटेल के ऋणदाताओं ने शुरुआती बैठक कर इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि फ्यूचर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे इसके बारे में जानते थे लेकिन उनके पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था। एसबीआई के अधिकारी ने कहा कि ऋणदाताओं को फ्यूचर के मामले में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और फंसे ऋण के लिए ज्यादा प्रावधान करना पड़ा रहा है।
समायोजन योजना सौंपी गई है जिसमें ऋणदाताओं को 100 फीसदी भुगतान की बात नहीं है लेकिन बॉन्डधारकों के बकाया भुगतान की व्यवस्था की गई है। इस मामले में जल्द ही विस्तृत बैठक होने की उम्मीद है।
एसबीआई द्वारा यह मामले उठाए जाने से पहले बैंक ऑफ इंडिया ने मार्च 2022 में नोटिस जारी कर कंपनी की इन्वेंट्री पर ऋणदाताओं का अधिकार जताया था। बैंक ऑफ इंडिया ने ऋणदाताओं की तरफ से कहा कि कंपनी ने कर्ज लिया था और इसे चल संपत्तियों और इन्वेंट्री, नकद प्रवाह आदि सहित वर्तमान संपत्तियों को जमानत के तौर बताया था।