सत्यम बोली, थोड़ा है.. थोड़े की जरूरत है

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 10:10 PM IST

खस्ताहाल सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज अब सरकार से नकदी की गुहार लगा रही है। कंपनी के अंतरिक सीईओ राम मैनमपति ने सरकार से कहा है कि संकट में घिरी उनकी कंपनी को तुरंत 150 करोड़ रुपये की जरूरत है।


कंपनी को यह रकम अमेरिका में अपने कर्मचारियों के बीमा और दूसरी देनदारियों के लिए चाहिए। आर्थिक मामलों के सचिव अशोक चावला ने बताया, ‘हमें मैनमपति से एक-दो मेल मिले हैं। उन्होंने इशारा किया है कि उन्हें तकरीबन 150 करोड़ रुपये की जरूरत हो सकती है।’

इस बीच सत्यम के नए बोर्ड में शामिल दीपक पारेख ने कहा है कि कंपनी को लगभग 1,700 करोड़ रुपये के भुगतान मिलने हैं। उन्होंने बताया, ‘कंपनी को बचाने के लिए अपनी ओर से हरमुमकिन कोशिश कर रहे हैं। बड़ी तादाद में रकम अभी मिलनी है। अगर वह रकम वक्त पर आ जाती है, तो काफी राहत मिल सकती है।’

पारेख ने आज कंपनी मामलों के मंत्री प्रेम चंद गुप्ता और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से मुलाकात की और महत्वपूर्ण मसलों पर उनके साथ बातचीत की। पारेख एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन हैं।

उन्होंने बताया कि कंपनी के नए बोर्ड की बैठक शनिवार को दोबारा होगी और 2 से 3 महीने में कंपनी के खातों की हालत पूरी तरह से साफ हो जाएगी।

मुनाफे  की आस

सत्यम के नए कर्णधारों को अब भी उम्मीद की किरण नजर आ रही है। पुराने सौदे टूट रहे हैं और इस वक्त नये सौदे नामुमकिन ही नजर आ रहे हैं लेकिन सत्यम के नये सारथियों का कहना है कंपनी जल्द ही मुनाफा कमाने लगेगी।

इसकी वजह है कि अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तुलना में सत्यम कम खर्च में सेवा मुहैया कराती है। जिसके चलते मंदी के इस वक्त में कुछ कंपनियां इसकी सेवाएं ले सकती हैं।

 दूसरी ओर, कंपनी को 1,700 करोड़ ररुपपये के भुगतान मिलने हैं, लेकिन फिलहाल नकदी का संकट सबसे बड़ा संकट नजर आ रहा है।

जानकारों का भी मानना है कि अगर सत्यम तीन महीने सही से काम कर गई तो फिर पटरी पर आने में उसे ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।

सरकार ने फेरा मुंह

सरकार ने सत्यम को वित्तीय सहायता देने से आज साफ इनकार कर दिया। आर्थिक मामलों के सचिव अशोक चावला ने बताया कि सरकार इस बारे में नहीं सोच रही है।

उन्होंने कहा, ‘नया बोर्ड खातों की फिर से जांच करे और देखे कि कंपनी की कितनी देनदारी है, उसके बाद वह हमें बताए कि कितनी मदद चाहिए।’

इससे पहले उद्योग राज्य मंत्री अश्विनी कुमार भी कह चुके हैं कि सत्यम के गलत कामों को सरकार किसी तरह की मदद नहीं देगी।

शेयरों का दहला दिल

लेकिन सरकार का यह इनकार सत्यम के शेयरों पर भारी पड़ा और उनमें जबरदस्त गिरावट आ गई। सरकार का यह फैसला सामने आने के बाद सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज का शेयर बीएसई में 20.30 रुपये पर बंद हुआ और इसमें 32.22 फीसदी की गिरावट आई।

दिन के कारोबार में सत्यम के 56 करोड़ शेयरों का लेन-देन हुआ। अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही इस सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी के लिए दलाल स्ट्रीट से भी कोई अच्छी खबर नहीं आई।

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First Published : January 15, 2009 | 11:56 PM IST