सत्यम कंप्यूटर को खरीदने वाली टेक महिंद्रा जरूरत से ज्यादा कर्मचारियों (सरप्लस स्टॉफ) के बारे में 15 मई को विचार करेगी।
विश्लेषकों का कहना है कि सत्यम में करीब 6,000 से 12,000 अतिरिक्त कर्मचारी हैं। दरअसल, विश्लेषकों का कहना है कि जब सत्यम की आय 2.2 अरब डॉलर थी, तब उसके पास 50,000 कर्मियों की फौज थी, लेकिन अब परिस्थिति बदल गई है।
टेक महिंद्रा के अधिकरियों का मानना है कि सत्यम की आय 1.3 अरब डॉलर रह गई है। ऐसे में विश्लेषकों का कहना है कि टेक महिंद्रा को लग सकता है कि जब आय घट गई है, तो इतने कर्मचारियों की जरूरत क्यों है। टेक महिंद्रा के अध्यक्ष (इंटरनैशनल बिजनेस) सी.पी. गुरनानी, जो सत्यम बोर्ड में भी शामिल हैं, उनका कहना है कि हम दोनों कंपनियों के बोर्ड से बात कर रहे हैं।
अतिरिक्त कर्मचरियों के मुद्दे पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि इस बारे में कोई फैसला 15 मई के बाद ही लिया जा सकता है। वैसे, अभी कंपनी का पूरा ध्यान सत्यम को पटरी पर लाने की है। गौरतलब है कि सत्यम और टेक महिंद्रा के बोर्ड की बैठक सोमवार को हैदराबाद में हुई, जिसमें कंपनी के परिचालन संबंधी मसलों पर विचार किया गया।
गुरनानी का कहना है कि टेक महिंद्रा और सत्यम अलग-अलग कंपनी के रूप में काम कर सकती है। उन्होंने बताया कि टेक महिंद्रा को मुख्य कारोबार टेलीकॉम क्षेत्र से होता है, जबकि सत्यम का फोकस आईटी सेवा पर है। मौजूदा समय में टेक महिंद्रा के आय का 52 फीसदी हिस्सा ब्रिटिश टेलीकॉम से आता है।
गुरनानी ने बताया कि हमारा लक्ष्य टेक महिंद्रा को दूरसंचार क्षेत्र के लिए वन-स्टॉप शॉप के तौर पर विकास करना है। कंपनी को बीटी के अलावा, भी अन्य क्षेत्रों से काम मिल रहा है। उन्होंने बताया कि कंपनी मंदी के बावजूद वित्त वर्ष 2008-09 की अंतिम तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है।
