दूरसंचार कंपनी नॉरटेल के दिवालिया होने से सॉफ्टवेयर प्रदाता कंपनी सासकेन कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजिज को तगड़ा झटका लगा है। वहीं दूसरी ओर टाटा ने भी उसके साथ चल रहे संयुक्त उपक्रम से हाथ खींच लिया है।
दरअसल, सासकेन को नॉरटेल से कुल राजस्व का करीब 10 फीसदी मिलता था। ऐसे में कंपनी की नॉरटेल में काफी रकम फंसी हुई है, जबकि नॉरटेल ने चैप्टर 11 के तहत सरकार से दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया है।
ऐसी स्थिति में नॉरटेल किसी भी तरह की बकाया चुका नहीं पाएगी। सासकेन ने कहा कि नॉरटेल उसकी प्रमुख पांच ग्राहकों में शुमार है, लेकिन उसके दिवालिया होने से कंपनी के राजस्व को भारी नुकसान होगा। सासकेन के अलावा, नॉरटेल भारतीय आईटी कंपनी विप्रो और इन्फोसिस के साथ भी काम कर रही थी।
लेकिन सासकेन की तुलना में इन कंपनियों की नॉरटेल में बहुत कम पूंजी फंसी हुई है। टाटा के साथ पिछले दो साल से चल रहे संयुक्त उपक्रम से हटने की घोषणा पिछले हफ्ते ही कर दी गई थी।
जनवरी 2007 में सासकेन और टाटा ऑटोकॉम्प सिस्टम्स की ओर से ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बनाने के लिए टेको सासकेन ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स (टीएसएई) नामक संयुक्त उपक्रम का गठन किया गया था। इधर, टाटा के हाथ खींचने से इस उपक्रम में काम कर रहे 100 लोगों को काम पर नहीं आने को कहा गया है।
नॉटर्ल के दिवालिया होने से हाथ से गया कंपनी को मिलने वाला 10 फीसदी राजस्व
टाटा ने की संयुक्त उपक्रम से हटने की घोषणा