पेट्रोलियम मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को अपने पूर्वी अपतटीय डी6 फील्ड्स से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति महाराष्ट्र में संकटग्रस्त दाभोल बिजली संयंत्र को करने को कहा है।
मंत्रालय ने कहा कि कृष्णा-गोदावरी बेसिन (केजी बेसिन) के डी-6 फील्ड से आरंभिक 4 करोड़ स्टैंडर्ड घन मीटर प्रतिदिन गैस के उत्पादन में रत्नागिरि गैस एंड पावर (दाभोल) को आवंटन बिजली क्षेत्र के लिए 1.8 करोड़ स्टैंडर्ड घन मीटर गैस के दायरे में होगा।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘यह निर्णय किया गया है कि रत्नागिरि गैस एंड पावर को जनवरी-मार्च, 2009 के दौरान 14 लाख स्टैंडर्ड घन मीटर गैस की आपूर्ति की जाए और अप्रैल-सितंबर, 2009 के दौरान 27 लाख स्टैंडर्ड घन मीटर गैस की आपूर्ति हो जो उत्पादन शुरू होने पर निर्भर करेगा।’
दाभोल विद्युत संयंत्र को सरकार के इस आबंटन का मतलब होगा कि उसे रिलायंस इंडस्ट्रीज से 4.2 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) की दर से गैस खरीदनी होगी।
रत्नागिरि गैस ऐंड पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित दाभोल विद्युत संयंत्र गैस के अभाव और अपने टर्बाइनों की त्रुटियों जैसे विभिन्न कारणों की वजह से अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली का उत्पादन करने में कभी सक्षम नहीं रहा है।
इस संयंत्र को अपनी पूरी क्षमता के साथ उत्पादन कार्य करने के लिए 8.4 एमसीएमडी गैस की आवश्यकता है, इसे पेट्रोनेट एलएनजी के दहेज टर्मिनल से सिर्फ 5.4 मिलियन क्यूबिक मीटर प्रतिदिन रीगैसीफाइड लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (आर-एलएनजी) मिल रही है।