भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रवर्तकों के लिए निवेश अवधि में ढील और ‘प्रवर्तक समूह’ की परिभाषा को तर्कसंगत बनाकर इश्यू ऑफ कैपिटल ऐंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट को नरम बनाने का आज प्रस्ताव रखा। अगर इस प्रस्ताव को लागू किया गया तो इससे सूचीबद्ध कंपनियों के लिए नियामकीय बोझ कम होगा और ज्यादा कंपनियों को सूचीबद्धता के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।
बाजार नियामक ने कहा कि किसी आईपीओ के बाद प्रवर्तक को अपनी शेयरधारिता का कम से कम 20 फीसदी हिस्सा तीन साल तक बनाए रखना होता है, जिसे नियामक घटाकर एक साल करने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा 20 फीसदी से ज्यादा शेयरधारिता व आईपीओ पूर्व गैर-प्रवर्तक शेयरधारिता के लिए लॉक इन की अवधि एक साल से घटाकर छह महीने की जा सकती है।
सेबी ने कहा है कि परियोजनाओं के वित्त पोषण और ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट लगाने के लिए सार्वजनिक पूंजी जुटा रही कंपनियों के मामले में लॉक-इन की अनिवार्यता जरूरी थी। इन दिनों हालांकि सार्वजनिक पूंजी जुटाने वाली ज्यादातर कंपनियां स्थापित व परिपक्व कारोबार वाली हैं, ऐसे में इसमें ढील दी जा सकती है। इसके अलावा आईपीओ के जरिए ग्रीनफील्ड परियोजनाओं का वित्त पोषण अब न के बराबर होता है। बाजार नियामक सेबी ने चर्चा पत्र में ये बातें कही है। विशेषज्ञों ने कहा, इस कदम से प्राइवेट इक्विटी वाली कंपनियों को मदद मिलेगी।
व्हाइट ऐंड ब्रीफ एडवोकेट्स के पार्टनर प्रशांत राजपूत ने कहा, ‘मोटे तौर पर पीई निवेशक किसी कंपनी की सूचीबद्धता से पहले चार या उससे ज्यादा साल तक बने रहते हैं। कंपनी के प्रबंधन में उनकी मौजूदगी कारोबार को लेकर प्रवर्तक की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती है, जिसे बाजार तवज्जो देता है। ऐसे में प्रवर्तक शेयरधारिता का 20 फीसदी तीन साल के लिए लॉक रखना ठीक नहीं है, जो अपनी शेयरधारिता को अधिकतम करने के प्रवर्तक के लचीलेपन को प्रतिबंधित करता है। प्रस्तावित बदलाव इस कमी को पूरी कर देगा।’ सेबी ने ‘प्रवर्तक’ के स्थान पर ‘नियंत्रक व्यक्ति’ की अवधारणा को लागू करने का भी प्रस्ताव रखा है। नियामक ने कहा है कि प्रवर्तक की परिभाषा काफी विस्तृत है और इस पर दोबारा नजर डालने की दरकार है क्योंकि सूचीबद्धता के बारे में विचार कर रहीं पीई समर्थित कंपनियों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा बहुत सी आधुनिक और तकनीकी कंपनियां परिवार के स्वामित्व वाली नहीं हैं और उनमें कोई स्पष्ट चिह्नित प्रवर्तक समूह नहीं है।
