रिलायंस जियो ने लगातार तीसरे महीने अपने ग्राहकों को खोया है और सितंबर में 79.6 लाख ग्राहकों ने कंपनी का साथ छोड़ दिया। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। बाजार की दिग्गज कंपनी रिलायंस जियो के ग्राहक आधार में जुलाई से ही गिरावट देखने को मिल रही है, जब देश की तीनों निजी दूरसंचार कंपनी- जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (वी) ने अपनी टैरिफ में भारी वृद्धि की थी।
इस बार जियो के ग्राहकों की संख्या में पिछले दो महीनों के मुकाबले काफी ज्यादा है। बीते दो महीनों में जियो का 40.1 लाख और 7.60 लाख ग्राहकों ने साथ छोड़ा था। कुल मिलाकर, बीते तीन महीनों में दूरसंचार कंपनी ने 1.27 करोड़ ग्राहक गंवाए हैं यानी जून के अंत में इसके 47.65 करोड़ ग्राहकों से 2.6 फीसदी की कमी आई है।
इस बीच, देश की दूसरी बड़ी निजी दूरसंचार कंपनी एयरटेल को सितंबर में 14.3 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ है। यह जुलाई के 24 लाख और जून के 16.9 लाख ग्राहकों से कम है। दूरसंचार नियामक के आंकड़े दर्शाते हैं कि कंपनी को पिछले तीन महीनों में 55.3 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ है।
वहीं,आर्थिक संकटों का सामना कर रही वी का साथ सितंबर में 15.5 लाख ग्राहकों ने छोड़ दिया है। यह अगस्त के 18.7 लाख से कम है मगर जुलाई के 14.41 लाख से अधिक है। सभी निजी दूरसंचार कंपनियों में से वी ने जून तक पिछले दो वर्षों में सबसे ज्यादा ग्राहकों को खोया है, जब कंपनी को 8.6 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ था।
इस बीच, सरकार के स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को निजी दूरसंचार कंपनियों को छोड़े हुए ग्राहकों से फायदा मिला है। लगातार दो वर्षों तक ग्राहकों को खोने वाली बीएसएनएल ने जुलाई में 29 लाख और अगस्त में 25.3 लाख ग्राहक जोड़े हैं। मगर ग्राहकों को जोड़ने की रफ्तार सितंबर में कम होकर 8.4 लाख रह गई। बीएसएनएल ने अपनी दरों में इजाफा नहीं किया है, जिससे बड़ी संख्या में शुरुआती स्तर के प्लान लेने वाले ग्राहकों ने इसका रुख किया है।
भले ही बीएसएनएल ने ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा है, लेकिन इस साल की शुरुआत के मुकाबले जुलाई महीने में उसके पास 32.6 लाख उपयोगकर्ता कम हो गए थे। फिलहाल घाटे का सामना कर रही कंपनी अगले साल के मध्य तक देश भर में 1 लाख टावर के साथ घरेलू 4जी नेटवर्क पेश करने की योजना बना रही है।
उल्लेखनीय है कि इस साल जुलाई में रिलायंस जियो, एयरटेल और वी तीनों ने अपनी टैरिफ में वृद्धि की थी मगर घाटे में चल रही बीएसएनएल ने ऐसा नहीं किया था। आंकड़े दर्शाते हैं कि टैरिफ में वृद्धि से सिम बदलने और सदस्यों की संख्या में गिरावट आई है। सितंबर में भारत में मोबाइल फोन कनेक्शन की कुल संख्या 1.01 करोड़ कम हो गई। बीते दो महीने में इसमें 57.7 लाख और 92.2 लाख की कमी आई थी।