वित्त वर्ष 2009 की अंतिम तिमाही में रियल्टी कंपनियों के खराब नतीजे आने की आशंका है।
एक प्रमुख स्टॉक ब्रोकरेज द्वारा जारी आकंड़ों में अनुमान लगाया गया है कि इन कंपनियों की आय में 90 फीसदी तक की औसत कमी आ सकती है, जबकि बड़ी कंपनियों की आय 66 फीसदी तक घट सकती है।
गिरावट की आशंका इसलिए जताई जा रही है, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2008 के अंतिम तिमाही की तुलना में मौजूदा तिमाही में बिक्री में काफी कमी आई है। रिसर्च एजेंसी लियासेस फोरास के मुताबिक, 2007 की तुलना में मुंबई जैसे शहरों में प्रॉपर्टी की बिक्री में एक तिहाई की गिरावट आ गई है, जबकि इसकी कीमतों में 35 से 40 फीसदी तक की कमी आई है।
हालत जब बद से बदतर होने लगी, तो डीएलएफ, यूनिटेक और एचडीआईएल जैसी कंपनियों ने चौथी तिमाही में लॉन्च परियोजनाओं की कीमतों में 20 से 30 फीसदी की कमी की। ये कंपनियां जनवरी के बाद की मध्य आय वर्ग के लिए परियोजनाओं की अच्छी मांग होने का दावा कर रही हैं। लेकिन अगर बिक्री की गणना सालाना आधार पर की जाए, तो इसमें गिरावट होना निश्चित है।
रियल्टी कंपनियों की ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में भी 1000 आधार अंकों की कटौती की संभावना है। मार्च की तिमाही में इन डेवलपरों ने प्रॉपर्टी की बिक्री, किराया और मूल्य कटौती में लोअर रियलाइजेशन दर्ज की थी। हालांकि यूनिटेक और ऑर्बिट जैसी कंपनियों ने अपनी परिसंपत्तियों और उत्पादों में परिवर्तन किया था, जिस वजह से यह आशा की जा रही है कि इनकी मार्जिन में सुधार हो सकता है।
सेंचुरियन ब्रोकिंग रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कार्यालय के किराये में 15 से 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और आगे भी यह जारी रहने की आशंका है। 2008 के अंत तक मॉल में खाली स्थान 9 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि एनसीआर में यह 25 फीसदी तक हो सकती है।
प्रभुदास लीलाधर रिपोर्ट बनाने वाले एक विशेषज्ञ केजल मेहता ने कहा, ‘आईटी सेज जैसी वाणिज्यिक रियल एस्टेट में स्थान का खाली रहने और किराये में किसी तरह की कमी नहीं होने की वजह से मंदी का दर्द और बढ़ गया। जब तक कारोबारी भावना में सुधार नहीं होता है, तब तक बेहतर की उम्मीद नहीं की जा सकती है।’
14 सूचीबद्ध कंपनियों पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2009 की तीसरी तिमाही में प्रॉपर्टी कंपनियों की कुल बिक्री में औसतन 59 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि कुल लाभ में 71 फीसदी की कमी हुई।
अंतिम तिमाही में रियल एस्टेट कंपनियों की आय 66 फीसदी तक घटने की आशंका
बिक्री में गिरावट का नतीजों पर असर
