देश में व्यावसायिक परिसंपत्ति की सबसे बड़ी मालिक कंपनियों में से दो पे्रस्टीज और आरएमजेड ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स या रीट्स के बजाय वैश्विक निवेशकों को अपनी परिसंपत्तियां बेचने को तरजीह दी है। प्रवर्तकों और पूंजी बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि रीट्स की लोकप्रियता बढ़ी है, मगर प्रवर्तकों ने निजी सौदों का विकल्प इसलिए चुना ताकि जल्द से नकदी हासिल की जा सके। साथ ही, रीट्स की सूचीबद्धता के तामझाम से बचा जा सके, जिसमें एक साल से अधिक समय लगता।
आरएमजेड ने 1.25 करोड़ वर्ग फुट परिसंपत्ति कनाडा की ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट को 14,000 करोड़ रुपये से अधिक रकम में बेची है, जबकि प्रेस्टीज एस्टेट्स ने अपने कार्यालय एवं मॉल अमेरिका की ब्लैकस्टोन को बेचने के लिए प्रारंभिक करार किया है।
अब तक दो रीट्स-एम्बेसी ऑफिस पाक्र्स और माइंडस्पेस बिज़नेस पाक्र्स सूचीबद्ध हुए हैं। ये दोनों ब्लैकस्टोन द्वारा सह-प्रवर्तित हैं। ब्रूकफील्ड ने अपने रीट्स के सार्वजनिक निर्गम के लिए विवरणिका का मसौदा दाखिल किया है।
आरएमजेड के चेयरमैन राज मेंडा ने कहा, ‘हमारा पारिवारिक कारोबार है और हम शुरुआत से कोई रीट्स नहीं लाना चाहते हैं क्योंकि हमें किराया आमदनी निवेशकों के साथ साझा करनी पड़ती।’ मेंडा ने कहा, ‘हमें ब्रुकफील्ड के साथ सौदे में अच्छी कीमत मिली। हमने कर्ज मुक्त होने और अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए सौदा कर दिया।’
सूत्रों ने कहा कि हालांकि प्रेस्टीज ने अभी ब्लैकस्टोन के साथ अंतिम करार नहीं किया है और न ही इसने अभी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी ली है, लेकिन इसके प्रवर्तक भी एक साल तक इंतजार करने के बजाय जल्द पैसा हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘वे बहुत सी परियोजनाओं में इक्विटी हिस्सेदारी भी रख रहे हैं।’ हालांकि इस बारे में टिप्पणी के लिए प्रेस्टीज के प्रबंधन से संपर्क नहीं हो पाया।
पूंजी बाजार के विशेषज्ञों ने पीई निवेशकों को परिसंपत्तियां बेचने की प्रवर्तकों की योजनाओं से सहमति जताई। मैक्वायरी कैपिटल के प्रबंध निदेशक (एमडी) नितिन गुप्ता ने कहा, ‘सबसे पहले तो विक्रेताओं को 100 फीसदी धनराशि तुरंत मिल गई, जबकि रीट्स में प्रवर्तक केवल 10 से 25 फीसदी हिस्सा बेच पाते और बाकी हिस्सेदारी कुछ समय बाद बेच पाते।’
उन्होंने कहा कि दूसरा रीट्स की सूचीबद्धता में एक साल तक का समय लग सकता था और अंतिम क्षणों में बाजार का रुझान प्रतिकूल होने का भी जोखिम था। कुशमैन ऐंड वेकफील्ड के एमडी सौरभ शातडाल ने कहा कि कोविड-19 ने विकल्पों के बारे में विचार करने को लेकर डेवलपरों की सोच बदल दी। उन्होंने कहा, ‘नकदी जुटाने, कर्ज खत्म करने और बिना किसी देनदारी के बाजार को प्रदर्शन करते देखने के लिए व्यावसायिक पोर्टफोलियो को बेचना सबसे बेहतर तरीका था। हालांकि किसी रीट्स को सूचीबद्ध कराने के लिए संगठन के भीतर एक पूरा तंत्र विकसित करना होता है।’
शातडाल ने कहा, ‘किसी प्रत्यक्ष सौदे में बड़ी पूंजी आती है। इस धन के एक हिस्से का बिना किसी चिंता के वृद्धि पूंजी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। खरीदारों की पहले ही इन पोर्टफोलियो पर नजर थी, इसलिए वे ऐसे सौदे करते समय उन्हें कीमत पर नहीं झुका सकते। यह अधिकतम पूंजी जुटाने का सबसे त्वरित तरीका है।’
