कंपनियां

Razorpay का ओम्नीचैनल वृद्धि पर दांव, लिस्टिंग से पहले लाभ में आने की तैयारी

दिसंबर 2023 में रेजरपे को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) के रूप में काम करने की हरी झंडी मिली थी।

Published by
आर्यमन गुप्ता   
Last Updated- September 15, 2024 | 10:57 PM IST

फिनटेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रेजरपे वृद्धि के लिए ओम्नीचैनल दृष्टिकोण को लेकर उत्साहित है। वह अगले तीन साल में अपनी सार्वजनिक सूचीबद्धता से पहले लाभ में आने की तैयारी में है। कंपनी के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक शशांक कुमार ने यह जानकारी दी।

कुमार के अनुसार कंपनी अपनी ओम्नीचैनल भुगतान तकनीक में भारी निवेश कर रही है। इसमें वह अंतरराष्ट्रीय विस्तार के अलावा मार्केटिंग और कारोबारी फाइनैंस जैसी श्रे​णियों में ऑनलाइन और ऑफलाइन भुगतान सुविधा तैयार कर रही है।

उन्होंने कहा ‘डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर (डी2सी) खुदरा बाजार तेजी से बढ़ रहा है और वित्त वर्ष 27 तक इसके 60 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। हम इन कारोबारों, चाहे ऑनलाइन हों या ऑफलाइन, के लिए विशेष भुगतान उत्पाद बनाने पर विचार कर रहे हैं। हम डिजिटल कॉमर्स के इर्द-गिर्द के समूचे तंत्र का इस्तेमाल करना चाहते हैं।’

दिसंबर 2023 में रेजरपे को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पेमेंट एग्रीगेटर (पीए) के रूप में काम करने की हरी झंडी मिली थी और लगभग दो साल बाद अपने प्लेटफॉर्म पर नए व्यापारियों को जोड़ने की अनुमति दी गई थी। इस कारण राजस्व, सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) और प्लेटफॉर्म पर जुड़े ग्राहकों की संख्या के लिहाज से कंपनी की अब तक की सबसे अच्छी तिमाही रही।

कुमार ने कहा, ‘हमने पहले तीन महीने (आरबीआई की मंजूरी के बाद) में करीब 1,50,000 व्यापारियों को जोड़ा। आम तौर पर नए व्यापारियों को कारोबार में योगदान करने में वक्त लगता है। लेकिन इससे हमें काफी बढ़ावा मिला। हमने बहुत सारे उद्यम ग्राहकों को भी जोड़ा। हमारे सभी नए कारोबार, चाहे वह ऑफलाइन भुगतान हों या मार्केटिंग साधन, भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऑम्नीचैनल में अवसर

रेजरपे के ऑम्नीचैनल दृष्टिकोण ने निश्चित रूप से फर्म के परिचालन को बढ़ावा दिया और आरबीआई प्रतिबंध से निपटने में मदद की। कुमार ने कहा, ‘चीजें गंभीर नहीं हुईं क्योंकि प्रतिबंध अवधि के दौरान भी हम नई योजनाएं लाते रहे। हमने पिछले साल करीब 60 सुविधाएं शुरू कीं। हमने अपनी ऊर्जा उस काम पर केंद्रित की, जो हम कर सकते थे। इसलिए, मुझे लगता है कि यह गंभीर स्थिति के बजाय मंदी वाली स्थिति थी।’

फिलहाल कंपनी का 70 प्रतिशत राजस्व ऑनलाइन भुगतान से आ रहा है। लगभग 10 प्रतिशत इसके ऑफलाइन पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओसी) भुगतान कारोबार से, अन्य 10 प्रतिशत रेजरपेएक्स जैसे इसके नियो-बैंकिंग साधनों से और लगभग छह से सात प्रतिशत इसके नए विकसित मार्केटिंग साधनों जैसे उपहार कार्ड और लॉयल्टी पेशकशों से आ रहा है। शेष योगदान कंपनी के अंतरराष्ट्रीय परिचालन से मिलता है, जो अभी शुरुआती चरणों में है।

रेजरपे की ओम्नीचैनल रणनीति के बारे में कुमार ने कहा, ‘आज ज्यादातर ब्रांडों के पास ओम्नीचैनल वृद्धि का मौका है, चाहे वह मामाअर्थ हो, नाइका हो, पर्पल हो। बहुत सारे ऑफलाइन ब्रांड भी ऑनलाइन आना चाहते हैं। ग्राहकों की बहुत अधिक मांग है। इसके लिए भुगतान प्रणालियों को इंटरऑपरेबल और सभी चैनलों में मौजूद होना चाहिए। यह हमारे लिए अवसर और विशिष्टता दोनों हैं।’

First Published : September 15, 2024 | 10:41 PM IST