संगीत कंपनियों और एफएम रेडियो के बीच रॉयल्टी भुगतान को लेकर चल रहे विवाद में आखिरी क्षणों में सूचना प्रसारण मंत्रालय के हस्तक्षेप के बावजूद कोई हल नहीं निकला। इससे दोनों उद्योगों के बीच विवाद और गहराता नजर आ रहा है।
दरअसल, करीब 750 करोड़ रुपये के कारोबार वाले संगीत उद्योगों की मांग है कि देशभर के करीब 100 एफएम स्टेशनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। संगीत कंपनियों का कहना है कि एफएम स्टेशन म्यूजिक सोसाइटी से बिना लाइसेंस लिए संगीत का प्रसारण कर रहे हैं, जिससे कॉपीराइट नियमों का उल्लंघन हो रहा है।
आईएमआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सरकार को संगीत कॉपीराइट का उल्लंघन करने वाली एफएम कंपनियों के विरूद्ध सख्त कदम उठाना चाहिए, ताकि संकट की इस घड़ी में संगीत कंपनियों को राहत मिल सके।
इसके साथ ही संगीत कंपनियों की मांग है कि एफएम रेडियो कंपनियों की ओर से दिया जाने वाली रॉयल्टी की रकम को भी दोगुना किया जाए।
मौजूदा समय में संगीत कंपनियों को 660 रुपये प्रति घंटे की दर से भुगतान किया जा रहा है। संगीत कंपनियों का आरोप है कि एफएम रेडियो कंपनियां बिना अनुमति के म्यूजिक टयून की कॉपी करती हैं, जो कॉपीराइट का उल्लंघन है।
मौजूदा समय में सभी एफएम ऑपरेटर फोनोग्राफिक परफॉमर्स लिमिटेड (पीपीएल) को रॉयल्टी का भुगतान करते हैं। उल्लेखनीय है कि पीपीएल सारेगामा इंडिया, सोनी बीएमजी म्यूजिक, यूनिवर्सल म्यूजिक, टिप्स इंडस्ट्रीज, वीनस रिकॉड्र्स एंड टेप्स समेत 160 संगीत कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
इस बीच, देश के 90 शहरों में करीब 250 एफएम रेडियो स्टेशनों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था रेडियो ऑपरेटर्स इन इंडिया (एआरओआई) का कहना है कि संगीत कंपनियों को दी जाने वाली रॉयल्टी में तत्काल कमी किया जाए।
उसके मुताबिक, मौजूदा समय में एफएम कंपनियों की ओर से सालाना राजस्व का करीब 15 से 50 फीसदी संगीत कंपनियों को भुगतान किया जा रहा है।
एफएम कंपनियों का सालाना राजस्व करीब 550 करोड़ रुपये का है, जबकि रॉयल्टी के तौर पर करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान संगीत कंपनियों को किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि एआरओआई का कहना है कि रॉयल्टी का निर्धारण शहर की जनसंख्या और एफएम कंपनियों के राजस्व का 2 से 4 फीसदी के दायरे में होना चाहिए।
एआरओआई के अध्यक्ष और रेडियो सिटी 91.1 एफएम के सीईओ अपूर्वा पुरोहित ने बताया कि सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दोनों कंपनियों को मिलकर समस्या का समाधान खोजने को कहा था, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
संगीत कंपनियों ने रॉयल्टी बढ़ाने की मांग की
एफएम कंपनियों पर बिना लाइसेंस संगीत प्रसारित करने का लगाया आरोप
एफएम कंपनियों ने की रॉयल्टी में कटौती करने की मांग
अब सुनवाई 28 जनवरी को कॉपीराइट बोर्ड करेगा