संयुक्त अरब अमीरात के कारोबारी मुरारी लाल जालान और ब्रिटेन के निजी इक्विटी फंड कैलरॉक कैपिटल का कंसोर्टियम जेट एयरवेज का परिचालन दोबारा शुरू करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि परिचालन सुचारु होने से पहले के खर्च के लिए वित्तपोषण के मुद्दे पर कुछ मतभेद होने के बावजूद विमानन कंपनी को उड़ाने की तैयारी जोरशोर से चल रही है।
विमानन कंपनी ने अपने हवाई ऑपरेटर प्रमाण पत्र के नवीनीकरण के लिए जनवरी के अंतिम सप्ताह में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के समक्ष आवेदन किया है। विमानन नियामक उड़ान के परिचालन के लिए इस विमानन कंपनी की तैयारियों का निरीक्षण संभवत: इस महीने के मध्य में करेगा। उसके बाद विमानन कंपनी को परीक्षण के तौर पर उड़ान भरने के लिए कहा जाएगा ताकि सुरक्षित उड़ान भरने के लिए नियमों के अनुपालन के साथ उसकी क्षमता का प्रदर्शन हो सके।
इस प्रक्रिया में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, ‘डीजीसीएस सभी दस्तावेजों और मैनुअल का मूल्यांकन करेगा। साथ ही वह संभवत: 14 से 17 फरवरी के बीच प्रबंधन क्षमताओं का आकलन करने के लिए निरीक्षण करेगा। उसके बाद फरवरी के आखिरी सप्ताह तक के तौर पर परीक्षण उड़ान भरा जाएगा। यदि सभी प्रक्रिया निर्धारित समय से पूरी हुई तो विमानन कंपनी को 15 मार्च तक लाइसेंस वापस मिलने की उम्मीद है।’ कार्यान्वयन की प्रभावी तिथि को दो बार बढ़ाकर 22 मार्च कर दिया गया है। यदि कंसोर्टियम नियामकीय मंजूरियां हासिल करने में विफल रहती है तो समाधान योजना स्वत: समाप्त हो जाएगी।
एक व्यक्ति ने कहा, ‘जेट एयरवेज का परिचालन वित्तीय कारणों से बंद हुआ था न कि सुरक्षा अथवा तकनीकी कारणों से। इसलिए दोबारा लाइसेंस मिलने की प्रक्रिया तेजी से पूरी हो जाएगी।’
कंसोर्टियम ने नए बोर्ड के तीन सदस्यों की सुरक्षा मंजूरी, विमानन कंपनी के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर, विभागीय प्रमुखों की नियुक्ति, रखरखाव एवं मरम्मत संगठनों से मदद के लिए पत्र और पायलट प्रशिक्षण सुविधाएं जैसी अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को भी पूरा किया है। एक व्यक्ति ने कहा, ‘पांच बोइंग 737 एनजी विमान के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं जबकि एमआरओ से मदद के लिए लिखित पत्र प्राप्त हो चुके हैं। इसके अलावा पायलट प्रशिक्षण केंद्र और हवाई अड्डों से भी पत्र मिल चुके हैं जो स्लॉट और रात्रि पार्किंग की पेशकश के लिए तैयार हैं। कैलरॉक-जालाना कंसोर्टियम जेट एयरवेज का परिचालन दोबारा शुरू करने के लिए पूरी तहर तैयार दिख रहा है भले ही लेनदारों के साथ उनका मतभेद अब भी जारी है।’
इस बाबत टिप्पणी के लिए कैलरॉक-जालान कंसोर्टियम को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।
इस मामले से अवगत एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि मतभेद इसलिए पैदा हो गया क्योंकि कंसोर्टियम विमानन कंपनी पर नियंत्रण हासिल करने से पहले कोई निवेश करने के लिए तैयार नहीं है। जबकि लेनदारों का कहना है कि वे नियंत्रण का हस्तांतरण तभी करेंगे जब नए मालिक इस विमानन कंपनी के लाइसेंस का नवीनीकरण करा ले।
दिसंबर में कंसोर्टियम ने एनसीएलटी से संपर्क कर कहा था कि वह विमानन कंपनी में 100 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश के साथ नियंत्रण हासिल करने के लिए तैयार है। लेकिन अदालत ने यह कहते हुए सहमति नहीं जताई कि विमानन कंपनी के परमिट का नवीनीकरण शेयरधारिता के हस्तांतरण के लिए एक शर्त है और इस प्रक्रिया के लिए तिथि में विस्तार किया गया है।