बीएस बातचीत
हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म प्रैक्टो ने एक ऐसी कंपनी बनने के लिए लंबा सफर तय किया है जो अपना 80 प्रतिशत राजस्व बी2सी सेवाओं से प्राप्त करती है। कंपनी ने डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट से लेकर ऑनलाइन कंसल्टेशन, दवाओं की डिलिवरी और टेस्ट सभी को आसान बनाया है। बिभु रंजन मिश्रा के साथ एक साक्षात्कार में कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी शशांक एनडी ने कहा कि हेल्थकेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें काफी धैर्य की जरूरत है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
संभावित यूनिकॉर्न के तौर पर, प्रैक्टो को पिछले कुछ वर्षों में चुनौतियों का सामना करना पड़ है। इसके क्या काराण हैं?
पिछले तीन वर्षों में हमने बिजनेस मॉडल को मजबूत बनाया और एक अरब भारतीयों के लिए गुणवत्ता युक्त हेल्थकेयर सेवाएं तैयार करने के अपने विजन के नजदीक पहुंचने में मदद मिली। हमारे साथ करीब 18 करोड़ उपयोगकर्ता जुड़े हुए हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रैक्टो द्वारा दिए गए योगदान के बारे में बात करना जरूरी है। प्रैक्टो ने चौबीसों घंटे अच्छी गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान की है। रुझानों से स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटलीकरण की ओर मजबूत लगाव का संकेत मिलता है।
महामारी ने सामान्य तौर पर उद्योग को, और खासकर प्रैक्टो को कितना प्रभावित किया है?
स्वास्थ्य हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है और कोवि-19 महामारी ने लोगों को यह अहसास कराया है कि हमारी जिंदगी कितनी नाजुक है। मेरा मानना है कि अब नया नॉर्मल यह है कि लोग रोकथाम पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, अपने स्वास्थ्य जटिलाताओं पर जोर दे रहे हैं, और इनसे उबरने और अपने चहेतों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज्यादा समय दे रहे हैं। पिछले छह महीनों में टेलीमेडिसिन उद्योग तेजी से बढ़ा है।
हालांकि टेलीमेडिसिन क्षेत्र कुछ समय से लोकप्रिय हुआ है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं। लोग अभी भी पारंपरिक रूप से परामर्श को पसंद करते हैं। इसे लेकर आपका क्या नजरिया है?
पिछले दशक में यह देखा गया कि हेल्थकेयर तत्काल प्रभाव वाला क्षेत्र कभी नहीं रहा है। इस क्षेत्र में नवाचार रातोंरात नहीं हुए हैं, लेकिन जब ऐसा हुआ है, उसका मजबूत असर देखा गया है। व्यवहारगत बदलाव हो रहा है। डॉक्टर और मरीज ऑनलाइन कंसल्टिंग को लेकर ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि डॉक्टर के साथ पारंपरिक परामर्श पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
ऐसी चर्चाएं हैं कि पिछले 2-3 वर्षों में प्रैक्टो की वृद्घि प्रभावित हुई है, क्योंकि वह कोष जुटाने में सक्षम नहीं रही। क्या यह सही है?
हमने कई बार पूंजी जुटाई है, लेकिन नीति के तौर पर हमने लंबे समय तक इसकी घोषणाएं नहीं कीं। हम अपने उत्पाद और सेवाओं के निर्माण पर ज्यादा केंद्रित रहे हैं और बेहद महत्वपूर्ण है ग्राहक अनुभव में सुधार लाना। हम अपॉइंटमेंट बुकिंग में दिग्गज होने से लेकर पिछले तीन वर्षों में अपना उपयोगकर्ता आधार तीन गुना करने और पूरे देश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में कामयाब रहे हैंं।
खबरों में यह भी संकेत मिला है कि प्रैक्टो ने मूल्यांकन में बड़ी गिरावट देखी है। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
मूल्यांकन बाजार केंद्रित है, जो समय के साथ बढ़ता और घटता है। हमारी मुख्य चिंता इसे लेकर है कि क्या हमारे ग्राहक हमारी सेवाओं से संतुष्ट हैं? क्या हम ज्यादा संख्या में लोगों पर असर डालने में सक्षम है? क्या हमारे उपयोगकर्ता अपनी स्वास्थ्य जरूरतों के लिए हमारे साथ फिर से आ रहे हैं? ये हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और ये हमारे नियंत्रण में हैं।
आप मुनाफे से कितनी दूर है?
हम कोविड-19 महामारी से पहले मुनाफे की स्थिति के नजदीक थे। हमारा अस्पताल सूचना प्रबंधन प्लेटफॉर्म (एचआईएमएस) व्यवसाय 2015 में अधिग्रहण के बाद तीन गुना बढ़ा। यह व्यवसाय काफी हद तक पश्चिम एशिया और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में परिचालन करता है। दरअसल, यह एबिट और नकदी प्रवाह सकारात्मक है। इसके अलावा, हमारा सकल मार्जिन सर्वाधिक ऊंचाई पर है।