तेल-गैस

कोयला गैसीकरण परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कंपनियों से बोलियां आमंत्रित

कोयला मंत्रालय ने दो अलग-अलग श्रेणियों के तहत आवेदन आमंत्रित किए

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सुधीर पाल सिंह सिंह   
Last Updated- October 01, 2025 | 11:08 PM IST

सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना के तहत कोयला गैसीकरण परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की हैं। इसका मकसद इस क्षेत्र में निवेश को समर्थन देना और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देना है।

कोयला मंत्रालय ने इस योजना के तहत कुल 8,500 करोड़ रुपये में से शेष बचे 2,366 करोड़ रुपये के उपयोग के लिए वित्तीय प्रोत्साहनों के दूसरे दौर के तहत प्रस्ताव अनुरोध (आरएफपी) आमंत्रित किया है।

मंत्रालय ने दो अलग-अलग श्रेणियों के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं।  पहला आमंत्रण निजी क्षेत्र की कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए और दूसरा डिमांस्ट्रेशन परियोजनाओं और छोटे पैमाने के उत्पाद आधारित संयंत्रों के लिए है।

भारत के पास दुनिया में कोयले का सबसे बड़ा भंडार है। सरकार इस संसाधन का पूरा उपयोग करना चाहती है। साथ ही कार्बन उत्सर्जन को भी कम करने का लक्ष्य है। कोयला मंत्रालय ने कोयला और लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता देने वाली योजना पेश की है। इसके पीछे विचार यह है कि गैसीकरण परियोजनाओं की वित्तीय और तकनीकी व्यवहार्यता बनी रह सके और साथ ही डाउनस्ट्रीम उत्पादों के लिए बाजार को गति मिल सके। साथ ही इसका मकसद कोयले की अर्थव्यवस्था से अतिरिक्त मुनाफा कमाना भी है।

आरएफपी में कहा गया है, ‘यह योजना संभावित निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए है, जिससे वे बड़े पैमाने पर कोयले या लिग्नाइट से गैसीकरण की सुविधा विकसित कर सकें। साथ ही इसमें अधिकतम मूल्यवर्धन और गुणवत्तायुक्त उत्पादन पर जोर दिया गया है। इसमें पहले से नियत समय सीमा के भीतर उत्पादन शुरू करने और स्वदेशी तकनीक विकसित करने का मकसद शामिल है।

कोयला गैसीकरण की प्रक्रिया में कोयले को सिंथेटिक गैस में परिवर्तित किया जाता है, जिसे सिनगैस भी कहा जाता है। इसका उपयोग बाद में उर्वरकों, मेथनॉल और सिंथेटिक नैचुरल गैस सहित डाउनस्ट्रीम उत्पादों का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। यह पारंपरिक रूप से कोयला जलाने की तुलना में साफ-सुथरा ईंधन है।
पिछले सप्ताह एक उद्योग कार्यक्रम में बोलते हुए कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सनोज कुमार झा ने कहा था कि कोयला गैसीकरण में उद्योग की रुचि उत्साहजनक है।

उन्होंने कहा था, ‘कई विदेशी कंपनियां रुचि दिखा रही हैं क्योंकि वे कोयला गैसीकरण में संभावनाएं देख रही हैं।’ अतिरिक्त सचिव रुपिंदर बरार ने कहा था कि मंत्रालय विशेष रूप से गैसीकरण के लिए कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए एक ढांचा तैयार कर रहा है और एक बेहतरीन नियामक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए कई एजेंसियों के साथ बातचीत कर रहा है।

First Published : October 1, 2025 | 11:07 PM IST