केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे कारोबारियों और फर्मों को कर अदायगी के लिए कहें जिन्होंने पिछले कई वर्षों के दौरान उपकर या अधिभार के लिए कटौती का दावा किया था। उन्हें जुर्माने से बचने के लिए स्वेच्छा से आगे आने और कर के अंतर का भुगतान करने के लिए प्रेरित करें।
कर रिटर्न दाखिल करने और उसमें सुधार करने की समय सीमा 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी। 31 मार्च के बाद दावे की रकम अघोषित आय मानी जाएगी और उस पर 50 फीसदी जुर्माना लग सकता है।
सीबीडीटी के चेयरमैन नितिन गुप्ता की आज की बैठक में यह मुख्य एजेंडा था। इसके अलावा सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2023 में कुल कर संग्रह, टीडीएस संग्रह, सीआईटी मामलों के निपटान और करदाताओं की लंबित शिकायतों पर भी गौर किया गया।
एक अनुमान के मुताबिक, इस कवायद से 5,000 करोड़ रुपये का कर संग्रह को सकता है। इससे 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर राजस्व में इजाफा होगा।
पिछले साल सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 40 (ए) (2) के तहत पिछली तारीख से लागू होने वाला संशोधन किया था। इसका उद्देश्य खासकर उन कारोबारियों के लिए इस प्रावधान के दुरुपयोग को रोकना था जो इसे छूट अथवा कारोबारी खर्च के तौर पर देखते हैं।