‘एयर इंडिया के निजीकरण में जोखिम नहीं’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:41 AM IST

एयर इंडिया के खिलाफ अमेरिका में केयर्न एनर्जी के मुकदमे से एयरलाइंस के निजीकरण पर कोई असर नहीं होगा और यह बगैर व्यवधान के हो जाएगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि एयरलाइंस की निजी खरीदार को बिक्री केयर्न एनर्जी के दावे को खारिज करते यह साफ कर देगी कि यह सरकार से कानूनी रूप से अलग है।
अधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के विनिवेश की प्रक्रिया में कानूनी मसले हमेशा आते हैं और सरकार उससे निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘केयर्न एनर्जी सरकार पर अपना बकाया वसूली के लिए दबाव डाल रही है और यह बताने की कोशिश कर रही है कि एयर इंडिया की संपत्तियां भारत सरकार की संपत्ति है।’ उन्होंने कहा कि एयर इंडिया अलग इकाई है और सरकार व एयरलाइन सम्मन मिलने पर उस दावे को चुनौती देंगे। 

शुक्रवार को केयर्न ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के दक्षिणी जिले के जिला न्यायालय में मुकदमा दायर कर मांग की है कि ब्रिटेन की तेल व गैस कंपनी को पंचाट द्वारा 1.2 अरब डॉलर अवार्ड की वसूली एयर इंडिया की संपत्ति से की जाए। अधिकारी ने कहा, ‘अभी यह विनिवेश के पहले का चरण है जब यह विचार सामने आया है कि एयर इंडिया पर देनदारी बनती है। यह दावा एयर इंडिया के खिलाफ नहीं है और अगर इसके शेयर निजी कंपनी को हस्तांतरित किए जाते हैं तो सरकार से एयरलाइंस अलग है, यह साफ हो जाएगा।’ 
उन्होंने कहा कि इस मसले से निपटना एयर इंडिया के मौजूदा प्रबंधन और सरकार का मसला है न कि निजी क्षेत्र के बोलीकर्ता की। बहरहाल अधिकारी ने कहा कि अगर न्यायालय एयर इंडिया की संपत्ति जब्त करने का फैसला करता है, जिसकी संभावना नहीं है, तब इसकी बिक्री पर असर पड़ सकता है। 

अधिकारी ने कहा कि अभी अमेरिकी न्यायालय ने नोटिस जारी किया है और वह एयर इंडिया को मिला नहीं है। नोटिस मिलने पर एयरलाइंस को 60 दिन में जवाब देना है। नोटिस जारी होने का यह मतलब नहीं है कि न्यायालय ने एयरलाइंस की संपत्ति जब्त करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार व एयरलाइंस दोनों ही इसे चुनौती देंगे। 
अधिकारी ने कहा, ‘वे यह कहकर सरकारी बैंकों, तेल व प्राकृतिक गैस निगम व अन्य सरकारी कंपनियों की संपत्ति जब्त करने की बात कर रहे हैं कि ये संपत्तियां सरकार की हैं, जबकि ऐसा नहीं है। सरकार ने पहले ही 1.2 अरब डॉलर के पंचाट के फैसले को हेग में चुनौती दे दी है।’ 

सरकार की कानूनी रणनीति तैयार करने के लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति भी बनाई गई है, जिसका समन्वय राजस्व विभाग कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि इसके साथ ही एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया जारी रहेगी।

First Published : May 19, 2021 | 12:59 AM IST