मुद्रा समूह को उम्मीद, मार्केटिंग के कारोबार से बरसेगी ‘मुद्रा’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 5:05 AM IST

मार्केटिंग और कम्युनिकेशंस के बाजार के बड़े खिलाड़ी मुद्रा समूह को बदली रणनीति के बाद अपने कारोबार में खासा इजाफा होने की उम्मीद है।


मनोरंजन के बाजार में आए उछल को देखते हुए उसे अपने कारोबार में बढ़ोतरी की सालाना दर 25 फीसद से बढ़कर 35 फीसद तक हो जाने की उम्मीद है। दरअसल कंपनी ने हाल ही में अपनी विज्ञापन, मीडिया और मार्केटिंग नीति में काफी बदलाव किये हैं।

पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने लगभग 1,500 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। कंपनी को उम्मीद है कि नीति में बदलाव किये जाने के बाद अब कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा कंपनी की विपणन सेवाओं से आएगा। अभी तक कंपनी के राजस्व का बड़ा हिस्सा विज्ञापन के जरिये ही आता था।

बदलाव का फल

समूह के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी मधुकर कामत ने कहा, ‘अभी तक हमारे राजस्व का लगभग 55 फीसदी हिस्सा मुद्रा एडवर्टाइजिंग, 10 फीसदी मीडिया कारोबार और 35 फीसदी विपणन के जरिये आता है। लेकिन बाजार के हालातों को देखते  हुए जल्द ही इस अनुपात में बदलाव आने की पूरी संभावना है। हमें उम्मीद है कि आने वाले तीन -चार साल में विपणन सेवाओं से प्राप्त होने वाला राजस्व कुल राजस्व का लगभग 60 फीसदी होगा।’

विज्ञापन के क्षेत्र में मुद्रा के पास रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप, जेट एयरवेज और नोवर्तिस जैसी कंपनियां हैं। इसी महीने समूह ने अपने पोर्टफोलियो में ग्रामीण विपणन,  जनसंपर्क, इवेन्ट्स, खेल और खुदरा विपणन क्षेत्र भी जोड़ना चाहती है।

जोड़ा बड़ा नाम

इसके लिए मुद्रा समूह ने प्रताप बोस को मुख्य परिचालन अधिकारी भी नियुक्त कर दिया था। इससे पहले बोस ऑगिल्वी ऐंड मैथर इंडिया के मुख्य कार्यकारी थे। बोस ऑगिल्वी ऐंड मैथर में सबसे कम उम्र  वाले मुख्य कार्यकारी भी रह चुके हैं।

इस विस्तार की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कंपनी नई एजेंसी शुरू करने के साथ ही संयुक्त उपक्रम और अधिग्रहण के दोनों ही रास्तों पर विचार करेगी। इसके लिए कंपनी भार- भरकम निवेश की योजना बना रही हैं। पिछले साल ही कंपनी ने बॉबी पवार को भी मुद्रा एडवर्टाइजिंग का मुख्य क्रिएटिव अधिकारी नियुक्त किया था।  इसके अलावा पिछले एक साल में कंपनी लगभग 60-70 प्रशिक्षित व्यक्तियों को नियुक्त कर चुकी है।

बन गई टीम

योजना को सही तरीके से लागू करने के लिए कामत ने 15 मानव संसाधन प्रबंधकों  की एक टीम भी बनाई है। अजीत मेनन के नेतृत्व वाली इस टीम का नाम एलएलसी- लर्निंग, लीडरशिप ऐंड चेंज रखा है। कामत का मानना हैकि कंपनी की मानव संसाधन टीम बेहद मजबूत है और वही मुद्रा को भारत में कार्यरत बाकी सभी एजेंसियों से अलग करती है।

First Published : June 12, 2008 | 11:35 PM IST