facebookmetapixel
₹9 का शेयर करेगा आपका पैसा डबल! वोडाफोन आइडिया में दिख रहे हैं 3 बड़े ब्रेकआउट सिग्नलपोर्टफोलियो को चट्टान जैसी मजबूती देगा ये Cement Stock! Q2 में 268% उछला मुनाफा, ब्रोकरेज ने बढ़ाया टारगेट प्राइससरकार फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य को हासिल करेगी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जताया भरोसाBilaspur Train Accident: बिलासपुर में पैसेंजर ट्रेन-मालगाड़ी से भिड़ी, 4 की मौत; ₹10 लाख के मुआवजे का ऐलानAlgo और HFT ट्रेडिंग का चलन बढ़ा, सेबी चीफ ने मजबूत रिस्क कंट्रोल की जरूरत पर दिया जोरमहाराष्ट्र में 2 दिसंबर को होगा नगर परिषद और नगर पंचायत का मतदानउत्तर प्रदेश में समय से शुरू हुआ गन्ना पेराई सत्र, किसानों को राहत की उम्मीदछत्तीसगढ़ के किसान और निर्यातकों को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान, फोर्टिफाइड राइस कर्नल का किया पहली बार निर्यातBihar Elections: दूसरे चरण में 43% उम्मीदवार करोड़पति, एक तिहाई पर आपराधिक मामले; जेडीयू और कांग्रेस भाजपा से आगेIndiGo Q2FY26 results: घाटा बढ़कर ₹2,582 करोड़ पर पहुंचा, रेवेन्यू 9.3% बढ़ा

Real Money Gaming पर बैन का असर: MPL सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी, 60% वर्कफोर्स होगा कम

MPL layoffs: MPL और ड्रीम11 हाल के वर्षों में लोकप्रिय हुए थे। ये ऐप्स पेड फैंटेसी क्रिकेट गेम्स ऑफर करते थे, जहां जीतने वाले खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार मिलते थे।

Last Updated- August 31, 2025 | 8:13 PM IST
MPL

MPL layoffs: भारतीय ऑनलाइन गेमिंग ऐप मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) अपनी घरेलू टीम के लगभग 60% कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। भारत में रियल-मनी फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर लगे बैन के बाद कंपनी ने यह निर्णय लिया है। सरकार ने इस महीने ऑनलाइन पेड गेम्स पर बैन लगा दिया। सरकार ने इसके पीछे का कारण बताया कि ये गेम्स युवाओं में वित्तीय नुकसान और लत का कारण बन सकते हैं। इस फैसले के बाद कई गेमिंग ऐप्स बंद हो गए, जिनमें पेड फैंटेसी क्रिकेट, रम्मी और पोकर गेम्स शामिल थे।

गेमिंग इंडस्ट्री को लगा बड़ा झटका

इस कानून से भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। यह इंडस्ट्री टाइगर ग्लोबल और पीक XV पार्टनर्स जैसी वेंचर कैपिटल फर्मों द्वारा समर्थित है और 2029 तक इसका मूल्य 3.6 अरब डॉलर होने का अनुमान था। MPL और ड्रीम11 हाल के वर्षों में लोकप्रिय हुए थे। ये ऐप्स पेड फैंटेसी क्रिकेट गेम्स ऑफर करते थे, जहां जीतने वाले खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार मिलते थे।

गेमिंग इंडस्ट्री का कहना है कि ये गेम्स कौशल पर आधारित हैं और इसलिए इन्हें जुआ नहीं माना जा सकता।

Also Read: ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम लागू होने के बाद पालन के लिए कंपनियों को मिलेगा समय, सरकार ने किया स्पष्ट

300 कर्मचारियों की होगी छंटनी

MPL अब फ्री-टू-प्ले गेम्स पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और अमेरिका के बाजार में अपने कारोबार को बढ़ा रहा है। कंपनी के एक सूत्र ने रविवार को बताया कि यह भारत में अपने 500 कर्मचारियों में से लगभग 300 को नौकरी से हटाएगा। प्रभावित विभागों में मार्केटिंग, फाइनेंस, ऑपरेशंस, इंजीनियरिंग और लीगल शामिल हैं।

रविवार को कर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक ईमेल में, MPL के सीईओ साई श्रीनिवास ने लिखा, “भारी मन से हमने यह निर्णय लिया है कि हम अपनी भारत टीम का काफी हद तक आकार घटाएंगे।” उन्होंने ईमेल में नौकरी कटौती की संख्या का उल्लेख नहीं किया। रॉयटर्स ने इस ईमेल को देखा है।

उन्होंने आगे लिखा, “हम इस बदलाव की घड़ी में प्रभावित कर्मचारियों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं… भारत M-League की कुल आय का 50% हिस्सा था और इस बदलाव का मतलब यह होगा कि निकट भविष्य में हम भारत से कोई रेवेन्यू नहीं कमाएंगे।”

MPL ने रॉयटर्स के सवालों पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

Also Read: नए ऑनलाइन गेमिंग कानून को पहली कानूनी चुनौती, उच्च न्यायालय पहुंची हेड डिजिटल वर्क्स

कई अन्य ऐप्स भी हुए बंद

पिचबुक डेटा के अनुसार, पीक XV पार्टनर्स द्वारा समर्थित MPL की 2021 में कीमत 2.3 अरब डॉलर आंकी गई थी। MPL के पास यूरोप में फ्री-टू-प्ले गेम्स और अमेरिका तथा ब्राजील में पेड गेम्स की पेशकश भी है।

कंपनी सूत्र ने बताया कि MPL की भारत से पिछला साल का रेवेन्यू लगभग 10 करोड़ डॉलर था। MPL का प्रतिद्वंदी ड्रीम11, जिसकी कीमत 8 अरब डॉलर आंकी गई है, ने भी अपनी फैंटेसी क्रिकेट सेवा बंद कर दी है।

कई अन्य ऐप्स, जो पेड पोकर और रम्मी कार्ड गेम्स ऑफर करते थे, उन्होंने भी अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है।

First Published - August 31, 2025 | 8:13 PM IST

संबंधित पोस्ट