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एनसीएलएटी में मैकलॉयड प्रवर्तक की अपील स्वीकार

Last Updated- December 12, 2022 | 1:33 AM IST

एनसीएलएटी ने दिवालिया कार्यवाही के खिलाफ मैकलॉयड रसेल के प्रवर्तक आदित्य खेतान की अपील स्वीकार कर ली है और वित्तीय लेनदार टेक्नो इलेक्ट्रिक ऐंड इंजीनियरिंग का जवाब आने के बाद लेनदारों की समिति के गठन पर स्थगन संबंधी फैसला लेगा। अपील ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा, हमने सुनवाई के लिए अपील स्वीकार कर ली है, हालांकि स्थगन के आवेदन पर विचार प्रतिवादी के जवाब दाखिल किए जाने के बाद करेंगे। यह आदेश बुुधवार का है, जब खेतान की याचिका पर पहली बार सुनवाई हुई।
इससे जुड़े सूत्रों का कहना है, चूंकि अभी स्थगन आदेश जारी नही हुआ है, लिहाजा लेनदारों की समिति (सीओसी) का गठन दिवालिया संहिता की समयसीमा के मुताबिक होगा। टेक्नो के वकील उदित गुप्ता ने कहा, संहिता के प्रावधानों व सीआईआरपी नियमों के तहत अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को तय समयसारणी के मुताबिक कॉरपोरेट समाधान दिवालिया प्रक्रिया पूरी करनी होती है। नियम 17 (1) के तहत अंतरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को खुद की नियुक्ति के 30 दिन के भीतर सीओसी के गठन को प्रमाणित करने वाली रिपोर्ट जमा कराना होता है।

6 अगस्त को एनसीएलटी ने मैकलॉयड के खिलाफ कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने के टेक्नो के आवेदन को स्वीकार किया था। दावे जमा कराने की आखिरी तारीख 20 अगस्त थी। अपील ट्रिब्यूनल में बुधवार को खेतान के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि टेक्नो के पास आईबीसी की धारा 7 के तहत आवेदन जमा कराने का अधिकार नहीं है क्योंंकि कोई वित्तीय कर्ज नहीं था और मैकलॉयड ने किसी तरह का डिफॉल्ट नहीं किया है।
धारा 7 वित्त्तीय लेनदार को कॉरपोरेट कर्जदार के खिलाफ दिवालिया समाधान की खातिर आवेदन की इजाजत देता है, जब डिफॉल्ट किया गया हो। अपने तर्क के समर्थन में सिंघवी ने विभिन्न दस्तावेजों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि सीओसी के गठन पर विराम लगाया जाना चाहिए। टेक्नो के वकील कपिल सिब्बल ने इसका विरोध किया। अपील ट्रिब्यूनल ने टेक्नो को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया है और अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। अपील ट्रिब्यूनल तब इस मामले पर फैसला लेगा।

First Published - August 26, 2021 | 11:58 PM IST

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