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भाजपा की जीत से अदाणी समूह का बाजार पूंजीकरण 73,000 करोड़ रुपये बढ़ा

अदाणी समूह के शेयरों में भारी तेजी, 12 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंचा बाजार पूंजीकरण

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- December 04, 2023 | 11:13 PM IST

सोमवार को अदाणी समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण करीब 73,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया। केंद्र में भाजपा सरकार बरकरार रहने की उम्मीद से निवेशकों ने अदाणी समूह के शेयरों में जमकर खरीदारी की, जिससे संयुक्त बाजार पूंजीकरण को मजबूती मिली।

पिछले एक सप्ताह के दौरान आई भारी तेजी की मदद से गौतम अदाणी समूह का बाजार पूंजीकरण बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया है।

एक विश्लेषक ने कहा, ‘राज्य चुनाव परिणामों के बाद अदाणी समूह के लिए दो बड़े गतिरोध काफी हद तक दूर हुए हैं। इसे लेकर संभावना बढ़ गई है कि भाजपा अगले साल तीसरी बार चुनाव जीतेगी। इसके अलावा, हाल में सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई ने भी इस बारे में उम्मीद बढ़ा दी है कि समूह के खिलाफ कोई विपरीत गड़बड़ी सामने नहीं आई।’

अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स ऐंड सेज के शेयरों में 7 प्रतिशत और 6 प्रतिशत तेजी आई। जहां अदाणी ग्रीन का शेयर 9.5 प्रतिशत तेजी के साथ बंद हुआ, वहीं अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में 7 प्रतिशत तथा 6 प्रतिशत तेजी आई।

विश्लेषकों का कहना है कि समूह द्वारा कर्ज घटाने के प्रयासों और वृद्धि से हालात में सुधार आया है जिससे उसकी कंपनियों के शेयरों का आकर्षण बढ़ा है।

केआर चोकसी होल्डिंग्स के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसी ने कहा, ‘सरकारी पहलों की वजह से इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों द्वारा मजबूत वृद्धि दर्ज किए जाने की संभावना है।

अदाणी समूह के स्तर पर, हम 3-4 साल में परिचालन लाभ दोगुना होने की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अलावा, एबिटा-ऋण अनुपात भी सिर्फ 3 गुना पर है, जो बेहद अनुकूल स्तर है।’

अदाणी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगशिंदर सिंह ने पिछले सप्ताह मुंबई में कहा था कि समूह और निवेश को इच्छुक है तथा अगले 10 साल के दौरान बुनियादी ढांचे पर 7 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है।

हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अदाणी समूह का बाजार पूंजीकरण 12 लाख करोड़ रुपये तक घट गया था। मौजूदा समय में यह अमेरिकी शॉर्टसेलर की रिपोर्ट उजागर होने से पहले के स्तरों से करीब 7.25 लाख करोड़ रुपये नीचे बना हुआ है।

पिछले महीने सर्वोच्च न्यायालय ने अदाणी मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि अखबारों और पोर्टलों द्वारा खबरों एवं खुलासों से सेबी और उसकी जांच पर सवाल नहीं उठाए जा सकते, क्योंकि उन्हें साक्ष्य के तौर पर नहीं माना जा सकता।

इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की मई में जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि इस मामले में किसी तरह की नियामकीय विफलता नहीं हुई और अदाणी फर्मों में हेरफेर का कोई प्रमाण नहीं पाया गया। सेबी ने न्यायालय को बताया था कि उसने 24 में से 22 मामलों में जांच पूरी कर ली थी।

First Published : December 4, 2023 | 11:13 PM IST