लगातार 24 साल तक आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभालने वाले बैंक के गैर कार्यकारी चेयरमैन नारायण वघुल अगले साल मार्च में इस पद से रिटायर हो जाएंगे।
उनके रिटायर होने के बाद बैंक के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक के वी कामत वघुल की जगह ले सकते हैं। इससे पहले कामत आईसीआईसीआई के मुख्य कार्यकारी थे। आईसीआईसीआई बैंक मुख्य कार्यकारी के तौर पर कामत का कार्यकाल अगले साल अप्रैल में खत्म हो रहा है।
वघुल की जगह लेने के बाद कामत के मुख्य कार्यकारी पद के लिए मुकाबला और कड़ा हो जाएगा। फिलहाल इस मुकाबले में कंपनी संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी चंदा कोचर सबसे आगे हैं। कामत के भारतीय औद्योगिक संघ के अध्यक्ष बनने के बाद पिछले कुछ महीने से कोचर ही बैंक का काम देख रही हैं।
एक तरफ जहां नचिकेत मोर अब आईसीआईसीआई फाउंडेशन के साथ जुड़े हैं। इसके अलावा बैंक के कार्यकारी निदेशक संजय चटर्जी, वी वैद्यनाथ और मधाबी पुरी भी मुख्य कार्यकारी पद की दौड़ में शामिल हैं। इसके अलावा आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस की प्रबंध निदेशक शिखा शर्मा भी इस दौड़ में शामिल हैं। साल 1985 में वघुल को बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के पद पर चार साल कार्य करने के बाद इंडस्ट्रियल क्रेडिट ऐंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (आईसीआईसीआई) का चेयरमैन नियुक्त किया गया था।
लगभग 44 साल की उम्र में जब उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन का पद संभाला था तब वह किसी भी राष्ट्रीय बैंक की कमान संभालने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से अपने करियर की शुरुआत करने वाले वघुल ने वहां पर मानव संसाधन प्रमुख बनने तक कार्य किया। उसके बाद उन्होंने कार्यकारी निदेशक के पद पर दो साल तक बैंक ऑफ इंडिया में कार्य किया। कामत को वघुल ने साल 1996 में आईसीआईसीआई का संचालन करने के लिए प्रमुख के तौर नियुक्त किया था। कामत ने एक वित्त कंपनी को एक रिटेल फाइनेंस पावर हाउस में तब्दील कर दिया।