रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के लिए अप्रैल-जून तिमाही मिली जुली रही। साल भर पहले धुआंधार बिक्री होने के बाद भी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), डाबर इंडिया और नेस्ले इंडिया की बिक्री में मात्रा के लिहाज से वृद्धि दर्ज की गई। मगर ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, मैरिको और गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स के उत्पादों की बिक्री प्रभावित हुई है।
महामारी के दो साल गुजरने पर स्थिति सामान्य होने के बाद एफएमसीजी कंपनियों के लिए यह पहली पूरी तिमाही थी। वित्त वर्ष 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनियों की बिक्री में उत्पादों की मात्रा के हिसाब से जोरदार उछाल आई थी क्योंकि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में कोविड लॉकडाउन के कारण काफी कम माल बिका था। नीलसन आईक्यू के अनुसार जनवरी-मार्च के मुकाबले इस तिमाही में कंपनियों की बिक्री बढ़ी है। मार्च में समाप्त तिमाही में बिक्री 4.1 फीसदी गटी थी मगर अप्रैल-जून में केवल 0.7 फीसदी कमी आई। नीलसन आईक्यू ने कहा, ‘उद्योग में मात्रा के लिहाज से बिक्री तो बढ़ी ही है, कीमतों में भी इजाफा हुआ है।’
एचयूएल की बिक्री उद्योग में सबसे अधिक बढ़ी और उसने पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 6 फीसदी ज्यादा माल बेचा। नतीजों के बाद विश्लेषकों से बातचीत में एचयूएल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी संजीव मेहता ने कहा, ‘साल भर पहले के आंकड़े देखें तो मार्च तिमाही से ज्यादा अच्छी जून तिमाही रही। मगर यह भी ध्यान रहे कि 2021 में कोविड की दूसरी लहर के कारण कंपनियों की बिक्री बहुत कम रही थी।’ उन्होंने कहा कि तीन साल के आंकड़े देखें तो मार्च और जून तिमाही में मात्रा के लिहाज से बिक्री तकरीबन सपाट रही है।
पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही में डाबर इंडिया ने साल भर पहले के मुकाबले 34 फीसदी ज्यादा माल बेचा था। मगर इस साल अप्रैल-जून में कंपनी ने उससे भी 5 फीसदी ज्यादा माल बेच डाला। डाबर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा कि ग्रामीण भारत में मांग घट रही है और महंगाई का असर शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं ज्यादा है।
नेस्ले इंडिया ने भी ज्यादा सामान बेचा है। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने कहा, ‘बिक्री में वृद्धि हर ओर हुई है और इसमें कीमत का भी योगदान रहा है।’ दौलत कैपिटल के उपाध्यक्ष सचिन बोबडे ने कहा, ‘कुछ कंपनियों की बिक्री में उच्च आधार के बाद भी बढ़ोतरी हुई मगर कई कंपनियों की बिक्री पिछले साल की अधिक बिक्री और इस साल महंगाई बढ़ने के कारण कम रही। महंगाई के कारण कंपनियों को कीमतें बढ़ानी पड़ीं, जिससे मांग धीमी हो रही है।’
गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स की देश में बिक्री 6 फीसदी कम रही। मगर कंपनी का कहना है कि महंगाई का दबाव घटने के बाद मांग में सुधार आने की उम्मीद है। फिलिप कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गोदरेज कंज्यूमर की बिक्री में उसके अनुमान से कम गिरावट रही। घरेलू कीटनाशकों के कारोबार का प्रदर्शन कम रहने से बिक्री पर असर पड़ा है।
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज की बिक्री में भी जून तिमाही के दौरान गिरावट दर्ज की गई। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने कहा, ‘मात्रा के लिहाज से हमारी बिक्री में कमी आई है और यह एक अंक में है। लेकिन हमने साल भर पहले जितने पैकेट ही बेचे। उम्मीद है कि बिक्री में जल्द बढ़ोतरी होगी।’ फिलिप कैपिटल ने कहा कि ब्रिटानिया की बिक्री 2 फीसदी घटी है, जबकि अनुमान 3 से 4 फीसदी गिरावट का था। मैरिको ने 6 अगस्त को अपने नतीजे जारी किए हैं। मगर उसने बिक्री के आंकड़े नहीं बताए। नतीजों से पहले कंपनी ने कहा था कि उसकी बिक्री में वृद्धि एक अंक में रहेगी।