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जोहो ने चिप निर्माण योजना से हाथ खींचा

देश में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और पैकेजिंग को रफ्तार देने के उद्देश्य से शुरू की गई 76,000 करोड़ रुपये की आईएसएम प्रोत्साहन योजना सफल हो चुकी है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- May 01, 2025 | 9:57 PM IST

तमिलनाडु की सॉफ्टवेयर-ऐज-सर्विस (सास) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी जोहो कॉर्पोरेशन ने 70 करोड़ डॉलर वाला कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन संयंत्र बनाने की अपनी योजना स्थगित कर दी है। कंपनी के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने यह जानकारी दी है।

वेम्बू ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा, ‘चूंकि इस कारोबार में बहुत पूंजी लगती है, इसलिए इसके लिए सरकारी समर्थन की जरूरत है। सेमीकंडक्टर फैब के निवेश की अपनी योजना के संबंध में हम करदाताओं का पैसा लेने से पहले प्रौद्योगिकी पथ के बारे में पूरी तरह सुनिश्चित होना चाहते हैं। प्रौद्योगिकी में हमें उतना भरोसा नहीं था, इसलिए हमारे निदेशक मंडल ने इस योजना को फिलहाल टालने का फैसला किया, जब तक कि हम कोई बेहतर प्रौद्योगिकी दृष्टिकोण नहीं खोज लेते।’

पिछले साल जून में कंपनी ने कंपाउंड सेमीकंडक्टर चिप फैब्रिकेशन इकाई बनाने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत सरकारी प्रोत्साहन के लिए आवेदन किया था। सास कंपनी ने इस उद्देश्य के लिए नई कंपनी सिलेक्ट्रिक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग भी बनाई। आईएसएम के तहत चिप फैब्रिकेशन इकाई बनाने के लिए प्रोत्साहन आवेदन करने से पहले वेम्बू ने तमिलनाडु के तेनकाशी में सेमीकंडक्टर डिजाइन परियोजना लगाने की जोहो की योजना का भी ऐलान किया था।

देश में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और पैकेजिंग को रफ्तार देने के उद्देश्य से शुरू की गई 76,000 करोड़ रुपये की आईएसएम प्रोत्साहन योजना सफल हो चुकी है और अब तक पांच आवेदनों को मंजूरी दी गई है। आईएसएम की स्वीकृति वाली इन परियोजनाओं में से चार चिप पैकेजिंग इकाइयां हैं जबकि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स एकमात्र चिप निर्माण इकाई है। टाटा समूह की धोलेरा सेमीकंडक्टर इकाई देश में पहली और एकमात्र चिप निर्माण इकाई है, जिसे केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी आईएसएम के तहत 29 फरवरी, 2024 को मंजूरी दी थी।

First Published : May 1, 2025 | 9:51 PM IST