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ओटीटी प्लेटफॉर्मों के विनियमन पर विचार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:12 AM IST

केंद्र सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह ‘नेटफ्लिक्स’ और ‘एमेजॉन प्राइम’ जैसे ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्मों को विनियमित करने के लिए ‘कुछ कदम’ उठाने को लेकर विचार कर रही है।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एसएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यम के पीठ ने केंद्र से एक स्वायत्त निकाय द्वारा ओटीटी के विनियमन के अनुरोध वाली याचिका पर छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इससे पहले, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा था कि केंद्र ओटीटी प्लेटफॉर्मों को विनियमित करने के लिए कुछ कदम उठाने को लेकर विचार कर रहा है।
सीजेआई ने जैन से यह जानना चाहा कि सरकार के ये कदम क्या होंगे और उनसे छह साप्ताह में याचिका पर जवाब दायर करने को कहा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 15 अक्टूबर को केंद्र सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और ‘इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ को नोटिस जारी किया था।
अधिवक्ता शशांक शेखर झा और अपूर्वा अरहरिया द्वारा दायर याचिका में विभिन्न ओटीटी/ स्ट्रीमिंग और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर मौजूद सामग्री की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक उचित बोर्ड/ संस्थान/ एसोसिएशन की मांग भी की गई है।

First Published : February 16, 2021 | 11:10 PM IST