देश के नामी इंजीनियरिंग कॉलेजों के भीतर नौकरी की हर साल जैसी गहमागहमी इस बार नहीं दिख रही है। शीर्ष चार आईटी सेवा कंपनियों- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएलटेक- ने चालू वित्त वर्ष के लिए फ्रेशर तलाशने कैंपसों में जाने का ऐलान तो किया है मगर लगता यही है कि भर्तियां पिछले सालों जैसी नहीं रहेंगी। विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए ज्यादातर भर्तियां कैंपस के बाहर से होने के आसार हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जिन कॉलेजों से बात की उनमें से कई ने स्वीकार किया कि कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट में दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन यह नहीं बताया कि वे कब आएंगी और कब तक भर्तियां करेंगी। फिर भी एचआर विशेषज्ञों को लगता है कि चालू वित्त वर्ष पिछले वित्त वर्ष से बेहतर रहेगा। भर्ती के लिए परामर्श देने वाली फर्म एक्सफेनो का अनुमान है कि आईटी में कैंपस से भर्तियां 1 से 1.2 लाख के करीब रह सकती हैं। एक साल पहले इस क्षेत्र में 70,000 से भी कम फ्रेशरों को नौकरी मिली थीं।
इंजीनियरिंग कॉलेजों से भर्तियां जुलाई में शुरू होती हैं और सितंबर तक जारी रह सकती हैं। ऑफ कैंपस सीजन यानी कैंपस के बाहर भर्तियां दिसंबर या जनवरी के अंत में शुरू होकर मार्च तक चल सकती हैं।
एमिटी टेक्निकल प्लेसमेंट सेल के डिप्टी डायरेक्टर अंजनी कुमार भटनागर को लगता है कि कंपनियों में नियुक्तियां बेहतर होंगी, लेकिन उनका रुख काफी सतर्कता भरा रहेगा। भटनागर ने कहा, ‘कई आईटी कंपनियां इस साल कैंपस नियुक्तियों की रफ्तार धीरे-wiproधीरे बढ़ाएंगी। बड़ी कंपनियों ने घोषणाएं तो की हैं, मगर अब तक कैंपस नहीं पहुंची हैं।’
वेलूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक (करियर डेवलपमेंट सेंटर) वी सैमुअल राजकुमार ने कहा, ‘पिछले साल हमारे यहां 947 कंपनियां आई थीं और इस साल अब तक 850 कंपनियां आ चुकी हैं। इस साल हमें लगता है कि कंपनियां अगस्त से ऑफ कैंपस भर्ती शुरू करेंगी।’
गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने कहा, ‘कंपनियां फिलहाल खास पदों के लिए भर्ती कर रही हैं। हमें उम्मीद है कि वे आगामी महीनों में कम पैकेज वाली नियुक्तियों पर भी काम करेंगी।’
टीसीएस और एचसीएलटेक ने पिछले साल ही फ्रेशर नियुक्ति की घोषणा की थी, जबकि इन्फोसिस और विप्रो ने भी कैंपस जाने का इरादा जताया था। एचआर विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल भर्ती पिछले साल से बेहतर रहेगी।