फिल्म अभिनेता रजनीकांत को दादासाहेब फालके पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरुवार को यह घोषणा ऐसे समय में की है, जब 6 अप्रैल को तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं। रजनीकांत (70) तमिलनाडु में रहते हैं और वहां बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक हैं। रजनीकांत को 3 मई को वर्ष 2019 के लिए दादासाहेब फालके पुरस्कार दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रजनीकांत को बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘कई पीढिय़ों के बीच लोकप्रिय, ऐसा शानदार काम करने वाले जो बहुत कम लोग ही कर पाते हैं, विविध भूमिकाएं करने वाले और एक बेहतरीन व्यक्तित्व के धनी, ऐसे हैं रजनीकांत जी। यह अत्यंत प्रसन्नता की बात है कि थलाइवा को दादा साहेब फालके पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें बधाई।’ रजनीकांत ने मोदी के ट्वीट का उत्तर देते हुए कहा, ‘माननीय एवं प्रिय नरेंद्र मोदी जी, मैं आपकी शुभकामनाओं और दादासाहेब फालके पुरस्कार के लिए बहुत आभारी हूं और बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं आपका और भारत सरकार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।’
अभिनेता ने यह पुरस्कार उनकी यात्रा में भागीदार बने लोगों को समर्पित किया। रजनीकांत ने ट्वीट किया, ‘मुझे दादासाहेब फालके पुरस्कार के लिहाज से चुने जाने के लिए मैं भारत सरकार, माननीय एवं प्रिय नरेंद्र मोदी जी, प्रकाश जावडेकर जी और ज्यूरी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं मेरी यात्रा का हिस्सा रहे लोगों को यह पुरस्कार समर्पित करता हूं। ईश्वर का धन्यवाद।’ जावडेकर ने कहा, ‘भारत हर साल किसी फिल्मी हस्ती को दादासाहेब फालके पुरस्कार देता है। इस बार आशा भोंसले, मोहनलाल, विश्वजित चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई की ज्यूरी ने यह चयन किया है।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने एकमत से इस बात की सिफारिश की कि सुपरस्टार रजनीकांत को दादासाहेब फालके पुरस्कार दिया जाए और हमने इसे स्वीकार कर लिया।’ उन्होंने कहा कि पिछले करीब 50 साल से रजनीकांत फिल्म जगत के ‘बेताज बादशाह’ रहे हैं।
जावडेकर ने कहा, ‘वह (रजनीकांत) फिल्म जगत में सूरज की तरह चमक रहे हैं। उन्होंने अपनी प्रतिभा, कड़ी मेहनत और लगन से लोगों के दिलों में जगह बनाई है।’ तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह घोषणा किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर जावडेकर ने कहा, ‘यह फिल्म जगत से जुड़ा पुरस्कार है और रजनीकांत 50 साल से काम कर रहे हैं, उचित सवाल पूछा जाना चाहिए।’
जावडेकर ने कहा कि उनकी सबसे पसंदीदा रजनीकांत अभिनीत फिल्म 1992 में आई तमिल फिल्म ‘अन्नामलाई’ है। रजनीकांत ने अपने ट्विटर पेज पर अपने कॅरियर में योगदान देने वाले लोगों को याद किया। उन्होंने अपने दोस्त राज बहादुर, बड़े भाई सत्यनारायण राव और उन्हें मशहूर अभिनेता रजनी बनाने वाले अन्य लोगों को यह पुरस्कार समर्पित किया। रजनीकांत ने लिखा, ‘मैं यह पुरस्कार अपने दोस्त और बस चालक राज बहादुर को समर्पित करता हूं जिन्होंने मेरी अभिनय प्रतिभा को देखा और मुझे प्रोत्साहित किया, मेरे बड़े भाई सत्यनारायण राव गायकवाड़ को समर्पित करता हूं जिन्होंने गरीबी से संघर्ष करते हुए मुझे अभिनेता बनाने के लिए बहुत बलिदान दिए और मेरे गुरु के. बालाचंद्र को समर्पित करता हूं जिन्होंने इस रजनीकांत को बनाया।’
रजनीकांत को यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद उनके समकालीन अभिनेता और मित्र कमल हासन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनिस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और अनेक राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें बधाई दी। पलनिस्वामी ने फोन पर रजनीकांत को बधाई देते हुए कहा कि दादासाहेब फालके पुरस्कार फिल्म जगत में उनके कड़े परिश्रम को रेखांकित करता है। कलम हासन ने कहा कि यह सर्वोच्च पुरस्कार रजनीकांत को मिलना एकदम सही है, वहीं स्टालिन ने कहा कि उन्हें देरी से सम्मानित किया जा रहा है लेकिन यह स्वागत योग्य कदम है। रजनीकांत ने पिछले साल दिसंबर में चुनावी राजनीति में उतरने की योजनाओं को रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे।
रजनीकांत ने 1975 में तमिल फिल्म ‘अपूर्व रागंगल’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने ‘बिल्लू’, ‘मुथु’, ‘बाशहा’, ‘शिवाजी’ और ‘एंथीरन’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया। उन्होंने ‘हम’, ‘अंधा कानून’, ‘भगवान दादा’, ‘आतंक ही आतंक’ और ‘चालबाज’ जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में भी अभिनय किया। भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले दादा साहब फालके के नाम पर भारत सरकार ने 1969 में यह पुरस्कार शुरू किया था और इसे भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार कहा जाता है। वर्ष 2018 का फालके पुरस्कर अभिनेता अमिताभ बच्चन को दिया गया था।