facebookmetapixel
अधिक लागत वाली फर्मों को AI अपनाने से सबसे ज्यादा लाभ होगाEditorial: संकट के मुहाने पर नेपाल – सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग का जनता से तालमेल बिगड़ानेपाल में राजनीतिक उथलपुथल: भ्रष्टाचार के खिलाफ जेनजी आंदोलन ने सत्ता को हिला डालासुनहरे भविष्य की ओर भारत-जापान मित्रता की ‘बुलेट ट्रेन’, 10 लाख करोड़ येन के निवेश से मिलेगी नई उड़ानभारत-यूरोपीय संघ ने FTA और रक्षा क्षेत्र पर वार्ता तेज की, साल के अंत तक समझौते पर जोरADR के सह-संस्थापक और चुनाव सुधारों के पैरोकार प्रोफेसर जगदीप छोकर का 80 वर्ष की उम्र में निधननेपाल में पहली बार इंटरनेट हुआ बंद, सोशल मीडिया रोक और आर्थिक संकट से उभरा देशव्यापी आंदोलननेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री, हिंसक प्रदर्शनों के बीच संभाली कमानपूर्वी राज्यों को PM मोदी का तोहफा! 13 से 15 सितंबर के बीच ₹71,850 करोड़ की योजनाओं का करेंगे उद्घाटनSushila Karki होंगी नेपाल की नई अंतरिम प्रधानमंत्री, आज रात 9 बजे लेंगी शपथ; राष्ट्रपति कार्यालय ने किया ऐलान

डाउनलिंकिग नियम आसान हों : अमेरिका

Last Updated- December 10, 2022 | 5:18 PM IST

अमेरिका ने भारत से कहा है कि वह अपनी टेलीविजन डाउनलिंक नीति को अंतरराष्ट्रीय कंटेंट प्रदाताओं के लिए नरम बनाए ताकि वे भारत में अपने कार्यालय खोल सकें या किसी स्थानीय एजेंट के जरिए परिचालन कर सकें।


अमेरिका उच्चस्तरीय द्विपक्षीय व्यापार नीति फोरम सहित विभिन्न जरियों से भारत सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठा रहा है। उसका कहना है कि भारत की मौजूदा डाउनलिंक नीति काफी बोझिल है। उसने कहा कि भारत सरकार यदि चाहे तो कार्यक्रम के कंटेंट की निगरानी करे।


वह यह काम केबल परिचालक या डाइरेक्ट टू होम (डीटीएच) परिचालकों जैसी लाइसेंसशुदा इकाइयों के जरिए कर सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका यह मुद्दा भारत सरकार और सूचना प्रसारण मंत्रालय के समक्ष उठाता रहा है। नवंबर 2005 में सूचना प्रसारण मंत्रालय ने डाउनलिंक नीति जारी की थी।

First Published - April 6, 2008 | 11:20 PM IST

संबंधित पोस्ट