आईटी एक्ट 2006 के कानूनी ढांचे में प्रस्तावित संशोधन यूरोपीय साइबर कन्वेंशन की तर्ज पर किए जाएंगे। यह बात इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रेस्पोंस टीम (सीईआरटी-इन) के महानिदेशक गुलशन राई ने कही है।
गुलशन राई ने हैदराबाद में इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 2008 के अवसर पर कहा, ‘हम साइबरस्पेस में बढ़ रहे नए अपराधों को देखते हुए अपने कानूनी ढांचे में संशोधन की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। संसदीय स्थायी समिति ने आईटी एक्ट 2006 को और अधिक समग्र बनाए जाने के लिए कई सुझाव दिए हैं।
इन सुझावों के आधार पर हमने इस अधिनियम में संशोधन किए हैं। ये संशोधन आंकड़ा सुरक्षा और आंकड़ा निजता, पहचान की चोरी, साइबर आतंकवाद, बाल अश्लीलता, स्पैम और ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने से संबद्ध हैं।’
संशोधनों के बाद कॉरपोरेट निकायों को डाटा को सुरक्षित करने के लिए श्रेष्ठ सुरक्षा प्रणालियों को कार्यान्वित करना होगा। उन्होंने कहा, ‘हम इन संशोधनों को संसदीय सत्र में पेश करने जा रहे हैं। संसदीय सत्र को जल्द ही आयोजित किया जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अदालतों में सबूत जुटाने, विश्लेषण करने और डिजिटल सबूत को लेकर पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण में चुनौती अभी भी बरकरार है।’