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छंटनी के बावजूद, एक्सेंचर के नतीजों से आईटी कंपनियों को राहत

Published by
शिवानी शिंदे
Last Updated- March 26, 2023 | 9:49 PM IST

आईटी सेवा एवं कंस​ल्टिंग कंपनी एक्सेंचर द्वारा की गई छंटनी की घोषणा के बावजूद, कंपनी का दूसरी तिमाही का परिणाम भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र के लिए राहत लेकर आया है। आईटी सेवा क्षेत्र पर भी अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट के बाद से अनि​श्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। कंपनी के वित्तीय परिणाम की घोषणा गुरुवार को की गई थी।

एक्सेंचर के प्रदर्शन का सकरात्मक असर भारतीय आईटी शेयरों में स्पष्ट दिखा, क्योंकि वे कारोबार के शुरुआती घंटों में तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे।

निफ्टी आईटी सूचकांक पूर्ववर्ती बंद भाव के मुकाबले 0.75 प्रतिशत तेजी के साथ 28,208 पर खुला था और उसने दिन के कारोबार में 28,454 की ऊंचाई को छुआ, तथा आ​खिर में 0.23 प्रतिशत कमजोरी के साथ 27,936 पर बंद हुआ। सितंबर-अगस्त वित्त वर्ष पर अमल करने वाली एक्सेंचर ने दूसरी तिमाही में 15.81 अरब डॉलर का राजस्व दर्ज किया। वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही के 15.05 अरब डॉलर की तुलना में यह करीब 5 प्रतिशत की वृ​द्धि है।

तिमाही में नई बुकिंग 22.1 अरब डॉलर पर शानदार रहीं। कंस​ल्टिंग बुकिंग 10.7 अरब डॉलर और मैनेज्ड सर्विस बुकिंग 11.4 अरब डॉलर पर रही। जिस वजह से दलाल पथ इस क्षेत्र को लेकर उत्साहित दिख रहा है, वह कंपनी के प्रबंधन द्वारा जताई गई प्रतिक्रिया है।

एक्सेंचर की चेयरमैन एवं मुख्य कार्या​धिकारी जूली स्वीट ने कहा था कि कंपनी को बड़े सौदों के लिए मांग मजबूत रहने की उम्मीद है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमें मजबूत ऑर्डर प्रवाह और बुकिंग को देखते हुए मांग में ज्यादा कमजोरी आने की आशंका नहीं है। ग्राहकों का ध्यान लागत अनुकूल सौदों पर है जो भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि अगली कुछ तिमाहियों में सौदों के राजस्व में तब्दील होने में विलंब हो सकता है।’

कोटक इंस्टीट‌्यूशनल इ​क्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्सेंचर के वित्तीय परिणाम और आउटलुक से संकेत मिलता है कि मांग परिवेश कमजोर पड़ रहा है। लेकिन मांग का स्वरूप डिस्क्रेशनरी-केंद्रित खर्च से लागत अनुकूल और डिस्क्रेशनरी के मिश्रण में तब्दील हो रहा है।
स्वीट का कहना है कि कंपनी बड़े बैंकों के साथ काम करती है और उस पर प्रभाव के बारे में अभी कुछ बता पाना जल्दबाजी है।

First Published : March 26, 2023 | 8:53 PM IST