देश की पहली यूनिकॉर्न- मोबाइल विज्ञापन तकनीक प्लेटफॉर्म इनमोबी एक अरब डॉलर तक धनराशि जुटाने के लिए अमेरिका में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) ला रही है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी इस कैलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही के आखिर तक नैस्डैक पर सूचीबद्ध होने की योजना बना रही है। यह अपना मूल्यांकन 14 से 15 अरब डॉलर रहने की उम्मीद कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक कंपनी गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टैनली और जे पी मॉर्गन जैसे मर्चेंट बैंकरों से संपर्क साध रही है और जल्द ही उन्हें नियुक्त कर सकती है। इनमोबी पीटीई सिंगापुर में पंजीकृत है। हालांकि इसके विशेष उद्देश्यीय अधिग्रहण कंपनी (एसपीएसी ) का रास्ता नहीं अपनाने के आसार हैं, जिसे हाल में रीपावर जैसी भारत में पंजीकृत स्टार्टअप ने अपनाया था। कंपनी के प्रवक्ता ने आईपीओ योजना के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
हालांकि कंपनी के सीईओ नवीन तिवारी ने हाल में बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ साक्षात्कार में कहा था कि वे लाभ में हैं और उनके कारोबार का दायरा बढ़ रहा है, इसलिए उन्हें आईपीओ लाने की एक अच्छी वजह चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वजह मुख्य रूप से अधिग्रहण की संभावनाएं तलाशना और कारोबार में ज्यादा मजबूती लाना होगी।
इनमोबी वर्ष 2011 में स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनी थी। उस समय सॉफ्टबैंक ने 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। साफ तौर पर अगर आईपीओ का मूल्यांकन हासिल हुआ तो इस जापानी निवेशक को शुरुआती निवेश के मुकाबले कई गुना राशि मिलेगी। हालांकि कंपनी ने सॉफ्टबैंक के बाद अन्य कोई निवेशक नहीं जोड़ा है। मगर यह साफ नहीं है कि सॉफ्टबैंक कंपनी में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेगी या नहीं। इनमोबी के संस्थापक नवीन तिवारी ने कहा है कि कंपनी लगातार चार साल से लाभ दे रही है। कंपनी करीब 65 फीसदी राजस्व अमेरिका से अर्जित करती है। इसका एबिटा मार्जिन करीब 40 से 45 फीसदी है, जो हर साल 45 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। ऑनलाइन विज्ञापन का बाजार काफी प्रतिस्पर्धी है, जिसमें गूगल और फेसबुक का दबदबा है। मगर इनमोबी भी इसमें अपनी जगह बनाने में सफल रही है। तिवारी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि हालांकि 70 फीसदी मोबाइल विज्ञापन बाजार गूगल और फेसबुक के पास है। लेकिन शेष खुला मैदान है, जिसमें 1.6 अरब ग्राहकों एवं 20,000 से अधिक मोबाइल ऐप की मौजूदगी है। यह बाजार बना रहेगा क्योंकि दुनिया भर में सरकार एकाधिकार के खिलाफ कदम उठा रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन विज्ञापन कंपनियां अमेरिकी शेयर बाजार में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, विशेष रूप से कोविड-19 के बाद। वहां सूचीबद्ध कंपनियां 2018 के स्तरों से पांच गुना पर कारोबार कर रही हैं। इनमें मोबविस्टा मैगनिटा, डिजिटल टर्बाइन जैसी कंपनियां शामिल हैं।
इनमोबी द्वारा दो साल पहले शुरू की गई ग्लांस भी यूनिकॉर्न बन चुकी है, जिसमें गूगल जैसी निवेशक कंपनियों ने निवेश किया है। ग्लांस में एक अनोखी तकनीक का इस्तेमाल होता है। इसमें शॉर्ट वीडियो, मूवी क्लिप, समाचार और खेल जैसी सामग्री मुहैया कराने के लिए लॉकस्क्रीन का इस्तेमाल होता है।
